सीबीएसई नहीं करेगा किताबों का प्रकाशन

 
 
 वर्तमान में सीबीएसई करीब 300 किताबें प्रकाशित करती है। लेकिन अब पठन-पाठन में बाधा आ सकती है। सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय(एचआरडी) ने सीबीएसई को आदेश देते हुए कहा है कि वह किताबों का प्रकाशन न करें। एचआरडी मंत्रालय ने कहा है कि किताबों का प्रकाशन करना उसके अधिकार का हिस्सा नहीं है। इन समस्याओं को देखते हुए सीबीएसई एनसीईआरटी के साथ बैठक कर प्रकाशन बंद होने से पडऩे वाले प्रभाव का आकलन करेगी। साथ ही एनसीईआरटी सीबीएसई की किताबों का प्रकाशन कर सकती है। ज्यादातर स्कूल सीबीएसई से ही एफिलिएटेड होते हैं।
 
सीबीएसई की वेबसाइट पर 282 नए पब्लिकेशंस हैं जिनकी कीमत 13 रुपए से लेकर 760 रुपए तक की है। इनमें सेकेंड्री स्तर के साइंस, इंजीनियरिंग और मास मीडिया की किताबें शामिल है। नए आदेश के बाद इनकी छपाई का काम बंद हो जाएगा। हाल ही में कई स्टूडेंट्स के परिजनों ने शिकायत की थी कि स्कूल सीबीएसई द्वारा प्रकाशित की जाने वाली महंगी किताबें खरीदने के लिए उनपर दबाव बना रहे हैं। परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि सीबीएसई अपने किताबों के जरिए पैसा कमाने का धंधा कर रही है। वहीं, इस मामले को लेकर सीबीएसई की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
कुछ पुस्तकें सीबीएसई करता है प्रकाशित
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया वैसे तो सीबीएसई से संबद्ध ज्यादातर स्कूल एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कुछ पुस्तकें सीबीएसई खुद प्रकाशित करता है। 9वीं क्लास के लिए इंटरैक्ट इन इंग्लिश लिटरेचर, 10वीं के लिए मेन कोर्स बुक या वर्कबुक और वोकेशनल कोर्सों की पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन बोर्ड द्वारा ही किया जाता है।

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