महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रपति का संदेश
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि “देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना आवश्यक है।” उन्होंने बेटियों और बहनों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में सशक्त बनाने की अपील की।
राष्ट्रपति ने कहा,
“यदि हम महिलाओं की शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर ध्यान देंगे, तो यह पूरे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
उन्होंने समाज से आग्रह किया कि बेटियों को केवल विवाह तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षित करें।
भारत की आध्यात्मिक धरोहर पर चर्चा
राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत की आध्यात्मिक विरासत को भी रेखांकित किया और कहा कि संतों ने हमेशा समाज को दिशा दी है और जाति, लिंग भेदभाव जैसी कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
उन्होंने गुरु नानक, संत रविदास, संत कबीर दास, मीराबाई और संत तुकाराम का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित कर रही हैं।
समाज में संतों की भूमिका
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान समय के आध्यात्मिक नेता आत्मनिर्भर, सौहार्दपूर्ण और पर्यावरण-संवेदनशील भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने संतों और सामाजिक संगठनों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आगे आने की अपील की।
नवविवाहित जोड़ों को शुभकामनाएं
राष्ट्रपति मुर्मू ने सामूहिक विवाह में शामिल सभी नवविवाहित जोड़ों को शुभकामनाएं दीं और उनके सुखद वैवाहिक जीवन की कामना की। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को समाज में समानता और सहयोग को बढ़ावा देने वाला कदम बताया।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय नेता और बड़ी संख्या में आम नागरिक भी मौजूद थे।