महाराष्ट्र में नया 6-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे, जेएनपीए पोर्ट से चौक तक हाई-स्पीड कनेक्टिविटी को मिलेगी बढ़ावा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,20 मार्च।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (पागोटे) से चौक (29.219 किमी) तक 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना 4500.62 करोड़ रुपये की कुल लागत से बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (BOT) मॉडल पर विकसित की जाएगी।

परियोजना का मुख्य उद्देश्य जेएनपीए पोर्ट और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (NMIA) के लिए बेहतर और तेज़ सड़क संपर्क सुनिश्चित करना है। वर्तमान में जेएनपीए पोर्ट से गोल्डन क्वाड्रिलैटरल (NH-48) और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे तक पहुंचने में 2-3 घंटे का समय लगता है।

मुख्य कारण:

  • शहरी इलाकों जैसे पालासपे फाटा, डी-पॉइंट, कलंबोली जंक्शन और पनवेल में भारी ट्रैफिक (~1.8 लाख पीसीयू/दिन)।
  • 2025 में नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन के बाद इस क्षेत्र में सीधा और तेज़ कनेक्शन और भी जरूरी हो जाएगा।
  • यह हाईवे जेएनपीए पोर्ट (NH-348) के पागोटे गांव से शुरू होकर मुंबई-पुणे हाईवे (NH-48) तक फैलेगा
  • यह हाईवे मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा नेशनल हाईवे (NH-66) को भी जोड़ेगा।
  • हाईवे को सह्याद्री पहाड़ियों के दो सुरंगों (टनेल) से गुजारा जाएगा ताकि भारी वाहनों के लिए सुगम और तेज़ आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।
  1. बेहतर पोर्ट कनेक्टिविटी: जेएनपीए पोर्ट से लॉजिस्टिक्स और परिवहन में सुगमता आएगी।
  2. तेज़ और सुरक्षित माल परिवहन: एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे से भारी कंटेनर ट्रकों के आवागमन में सुधार होगा।
  3. मुंबई और पुणे क्षेत्र का विकास: यह परियोजना आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।
  4. पर्यावरणीय लाभ: बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से ट्रैफिक जाम में कमी आएगी, जिससे ईंधन की बचत और कार्बन उत्सर्जन में कटौती होगी।
  5. प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण: यह परियोजना PM Gati Shakti National Master Plan के तहत देश के प्रमुख बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।

कैबिनेट की इस मंजूरी से महाराष्ट्र को एक और अत्याधुनिक हाईवे मिलेगा, जो जेएनपीए पोर्ट और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए सीधा और तेज़ कनेक्शन प्रदान करेगा। इसके माध्यम से औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे रोजगार और व्यापारिक अवसरों का विस्तार होगा। यह परियोजना भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी

 

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