न्यूज़ डेस्क : उज्जैन स्थित महाकालेश्वर की भस्म आरती विश्व भर में प्रसिद्ध है l ऐसी मान्यता है कि कई वर्षों पहले समसान भस्म से भगवान महाकाल की भस्म आरती होती थी l लेकिन अब यह परंपरा खत्म हो चुकी है और अब कंडे के भस्म से आरती श्रृंगार किया जाता है l वर्तमान में महाकाल की भस्म आरती में कपिला गाय के गोबर से बने औषधि युक्त फलों में समी, पीपल, पलास , अमलतास और बेर की लकड़ियों को जलाकर बनाई भस्म का प्रयोग होता है l
जलते कंडे में जड़ी बूटी और कपूर गूगल की मात्रा इतनी डाली जाती है कि यह बस ना सिर्फ सेहत की दृष्टि से उपयुक्त होती है बल्कि स्वाद मे भी लाजवाब होती है l श्रुति की विधि से यज्ञ किया वह भस्म स्रोत है, स्मृति की विधि से यज्ञ किया हो अस्मत भस्म तथा कंडे को जलाकर भस्म तैयार की हो तो लौकिक भस्म होता है l भस्म में यह तीनों प्रकार के भस्म आरती में महाकाल के लिए उपयोग किए जाते हैं l
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