भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों के गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास, रोजगार एवं बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास हों सुनिश्चित
जयपुर,
जयपुर की गौरवशाली परंपरा एवं छवि धूमिल ना हो इसके लिए भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों का गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास सुनिश्चित किया जाएगा। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने जिले को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों को आपसी सहयोग एवं समन्वय से हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिये हैं।
जिला कलक्टर ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों के पुनर्वास को लेकर बैठक ली। उन्होंने भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों का प्रभावी पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया ताकि ऐसे व्यक्ति भिक्षावृत्ति को छोड़कर अपने कौशल और मेहनत के दम पर सम्मानजनक जीवन शुरू करें।
साथ ही उन्होंने पुलिस एवं यातायात पुलिस के अधिकारियों को भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों की सूचना देकर रेस्क्यू में सहयोग प्रदान करने साथ ही आपराधिक गतिविधियों में लिप्त ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध निरोधात्मक एवं कठोर कानूनी कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया।
वहीं, नगर निगम के अधिकारियों को चिन्हित पुनर्वास गृहों की साफ-सफाई, शौचालयों की मरम्मत, पुनर्वास गृहों में भिक्षावृति में लिप्त लोगों के लिए आधारभूत सेवाओं की व्यवस्था करने, चिन्हित पुनर्वास गृहों को अन्नपूर्णा रसोई योजना से लिंक करते हुए योजना के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के साथ-साथ उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को भिक्षावृति में लिप्त व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच कर उपचार करने, चिन्हित पुनर्वास गृहों में चिकित्सा एवं जांच सुविधा उपलब्ध करने प्रत्येक पुनर्वास गृह को निकटतम राजकीय चिकित्सालय से जोड़ते हुए ऐसे व्यक्तियों की जांच एवं उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
बैठक में जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों को भिक्षावृति में लिप्त बच्चों सूची बनाकर शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराना, विभाग द्वारा संचालित बाल गृहों, निराश्रित गृहों में प्रवेश दिलाकर शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षा से जोड़ने के लिए स्थानीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाने, बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर विभागीय गृहों में प्रवेश दिलवाने के निर्देश दिये गए।
उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को पुलिस एवं स्वयं सेवी संस्थाओं एवं अन्य विभागों से समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित कर भिक्षावृति में लिप्त व्यक्तियों को सर्वे उपरान्त चिन्हित कर पात्रता अनुसार बाल गृह, महिला गृह, मानसिक विमंदित गृह, वृद्धाश्रम अथवा पुनर्वास गृह आदि में प्रवेश दिलाकर देखभाल करवाने, स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से भिक्षावृति में लिप्त चिन्हित व्यक्तियों के आधार कार्ड/जनाधार कार्ड आदि तैयार कर प्राथमिकता से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने के लिए निर्देश दिये गए।
जिला कलक्टर ने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के अधिकारियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा चिन्हित भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों की सूची के अनुसार बैच बनाकर आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने, प्रशिक्षित व्यक्तियों को विभागों द्वारा संचालित एवं बैंकों द्वारा उपलब्ध ऋण अथवा अनुदान एवं अन्य योजनाओं से जोड़कर नियोजित करने के साथ-साथ फॉलो अप कार्यक्रम के द्वारा उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए।
बैठक में मानव सेवा संस्थान, मेरी पहल संस्था, सक्षम सामाजिक उत्थान एवं विकास संस्थान, सुजस सांस्कृतिक सेवा संस्थान के पदाधिकारियों को चयनित आश्रय स्थल पर विभागीय निर्देशों के अनुसार आवश्यक व्यवस्था तथा परामर्शी सेवाएँ सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया।
बैठक में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती प्रतिभा वर्मा, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री रजत यादव, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री संतोष कुमार मीणा सहित नगर निगम, जयपुर विकास प्राधिकरण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं मानव सेवा संस्थान, मेरी पहल संस्था, सक्षम सामाजिक उत्थान एवं विकास संस्थान, सुजस सांस्कृतिक सेवा संस्थान के पदाधिकारी उपस्थित रहे।