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नई दिल्ली, 24 अप्रैल | भारत सरकार ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह अपनी डिजिटल सीमाओं की रक्षा के लिए कोई समझौता नहीं करेगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) को भारत सरकार की ओर से कई पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया, जिनपर भारत-विरोधी प्रोपेगैंडा फैलाने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ये हैंडल्स आईएसआई और आईएसपीआर से जुड़े माने जा रहे थे और भारत के संवेदनशील मौकों — जैसे चुनाव या आतंकी हमलों के बाद — फर्जी खबरें फैलाकर अफरातफरी मचाने की कोशिश में लगे थे।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“ये हैंडल भारतीय क़ानूनों का उल्लंघन कर रहे थे, समाज में नफरत फैलाने और गुमराह करने का काम कर रहे थे। इसलिए इन पर कार्रवाई जरूरी थी।”
X के ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स डिपार्टमेंट ने एक ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट जारी कर पुष्टि की कि कानूनी अनुरोध के बाद कुछ अकाउंट्स को भारत में एक्सेस से प्रतिबंधित किया गया है, हालांकि भारत के बाहर ये कंटेंट अब भी देखा जा सकता है।
इस कदम पर देश में राजनीतिक बहस छिड़ गई है।
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सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे “डिजिटल संप्रभुता की दिशा में बड़ा कदम” बताया।
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वहीं कुछ मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय फ्री स्पीच वॉचडॉग्स ने इसे दक्षिण एशिया में सेंसरशिप बढ़ने की चिंताजनक मिसाल करार दिया।
पाकिस्तानी राजनीतिक दलों और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स ने इस प्रतिबंध की कड़ी निंदा की है। उन्होंने भारत पर “मतभेदों को कुचलने और कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा रोकने” का आरोप लगाया है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने विदेशी डिजिटल तत्वों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इससे पहले भी भारत ने चीन से जुड़े कई ऐप्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने गए थे।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि भारत अब सिर्फ भौगोलिक सीमाओं तक ही नहीं, बल्कि डिजिटल स्पेस में भी अपनी संप्रभुता को लेकर सतर्क है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा भारत-पाकिस्तान संबंधों, और साथ ही वैश्विक डिजिटल गवर्नेंस की दिशा को भी प्रभावित कर सकता है।
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