भारत के सेमीकंडक्टर युग की शुरुआत: सरकार कर रही है चिप डिज़ाइन को लोकतांत्रिक

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 मार्च।
भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर डिज़ाइन को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को ‘एनालॉग और डिजिटल डिज़ाइन हैकाथॉन’ के विजेताओं की घोषणा की, जिसमें 2,210 टीमों और 10,040 छात्रों ने भाग लिया। यह प्रतियोगिता भारत में चिप डिज़ाइन को नया स्वरूप देने और इनोवेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

भारत सरकार का मानना है कि “डिज़ाइन इन इंडिया” उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि “मेक इन इंडिया”। इसी दृष्टिकोण के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 300 से अधिक संगठनों, जिनमें 250 शैक्षणिक संस्थान और 65 स्टार्टअप कंपनियां शामिल हैं, के साथ मिलकर एक संगठित रणनीति तैयार की है।

इस पहल के तहत “चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) प्रोग्राम” शुरू किया गया है, जिसका लक्ष्य 85,000 से अधिक विशेषज्ञ इंजीनियर तैयार करना है। यह कार्यक्रम बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी छात्रों को उद्योग-तैयार कौशल प्रदान करेगा और उन्हें चिप डिज़ाइन, निर्माण और परीक्षण के संपूर्ण अनुभव से लैस करेगा।

C2S कार्यक्रम के तहत C-DAC, पुणे में ChipIN सेंटर स्थापित किया गया है, जो भारत का सबसे बड़ा चिप डिज़ाइन केंद्र है।

5nm तक की एडवांस्ड चिप डिज़ाइन सुविधाएं
EDA टूल्स और सेमीकंडक्टर फाउंड्री एक्सेस
डिज़ाइन से निर्माण तक संपूर्ण समाधान

इस प्रतियोगिता में देशभर से 40 एलीट टीमें और 200 इनोवेटर्स पहुंचे। AMD, Synopsys और CoreEL Technologies की साझेदारी में आयोजित 100 घंटे की डीप-टेक चुनौती में, प्रतिभागियों ने FPGA हार्डवेयर पर लाइव इमेज प्रोसेसिंग और एनालॉग वोल्टेज रेगुलेटर सर्किट ऑप्टिमाइज़ेशन जैसे असली दुनिया की समस्याओं को हल किया।

IIT दिल्ली की टीम Intuition – प्रथम स्थान
NIT राउरकेला की टीम Analog Edge – द्वितीय स्थान
IIT गुवाहाटी की टीम FETManiacs – तृतीय स्थान

IIT बॉम्बे की टीम RISCB – प्रथम स्थान
Saveetha Engineering College की टीम Silicon Scripters – द्वितीय स्थान
IIT BHU की टीम Daedalus – तृतीय स्थान

भारत की पहली BLDC मोटर कंट्रोलर चिप विकसित करने की जिम्मेदारी Vervesemi Microelectronics Pvt. Ltd. को दी गई है।

90% बिल ऑफ मटेरियल (BOM) भारत में निर्मित
$1.50 से कम लागत पर पूर्ण पावर और कंट्रोल समाधान
सालाना 10 मिलियन यूनिट तक उत्पादन की क्षमता

भारत सरकार ने ‘डिजिटल इंडिया RISC-V (DIR-V) ग्रैंड चैलेंज’ की घोषणा की, जो 10 अप्रैल 2025 से आवेदन स्वीकार करना शुरू करेगा।

इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को VEGA प्रोसेसर (C-DAC) और SHAKTI माइक्रोप्रोसेसर (IIT मद्रास) का उपयोग करके नवाचार करने का मौका मिलेगा। इस चैलेंज को Renesas, LTSC, CoreEL Technologies और Bharat Electronics का समर्थन प्राप्त होगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा,
“भारत ने सर्विस इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि हम एक प्रोडक्ट नेशन बनें। आज के ये घोषणाएं हमारी इस दिशा में सफल यात्रा का हिस्सा हैं।”

उन्होंने तीन प्रमुख रणनीतियों पर जोर दिया:

स्टार्टअप्स, छात्र, शोधकर्ता और इंडस्ट्री के सभी स्तरों की साझेदारी
चिप्स के मूल्य और उनके संभावित उपयोग का संतुलित दृष्टिकोण
सभी प्रकार की चिप्स के लिए व्यापक समाधान विकसित करना

भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में यह पहल एक नए युग की शुरुआत है। “चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) प्रोग्राम” के तहत, सरकार भारत के इंजीनियरों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों को सशक्त बना रही है, जिससे भारत जल्द ही एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बन सकता है।

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