नई दिल्ली। दिल्ली से सटे नोएडा को लेकर पिछले कई सालों से यह मिथक बना हुआ है कि यहां जो भी मुख्यमंत्री आएगा उसकी कुर्सी चली जाएगी। कहा जाता है कि इसी डर के चलते यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने कार्यकाल में कभी नोएडा नहीं गए।
अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को नोएडा आएंगे। नोएडा-कालकाजी मेट्रो लाइन के उद्घाटन के दिन यानी 25 दिसंबर को सीएम योगी नोएडा में पीएम नरेंद्र मोदी की अगवानी करेंगे। गौतमबुद्धनगर के एसएसपी लव कुमार ने बताया कि सीएम के नोएडा दौरा का फाईनल कार्यक्रम आ गया है।
वहीं, भाजपा के प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहन का कहना है कि योगी ने कभी अंधविश्वास और अपशगुन को नहीं माना, भले ही वे धार्मिक व्यक्ति रहे हैं। अगर मायावती को छोड़ दें तो करीब 29 साल बाद यूपी के किसी मुख्यमंत्री ने नोएडा जाने की हिम्मत की है।
उधर, भाजपा से जुड़े नेताओं का भी कहना है कि सीएम योगी नोएडा शहर में आ सकते हैं और नोएडा को लेकर कई सालों से बने मिथक को तोड़ सकते हैं।
पांच साल में एक बार भी नोएडा नहीं आए अखिलेश यादव
विदेश से शिक्षा ग्रहण करने वाले अखिलेश यादव भी इस मिथक पर विश्वास करते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान नोएडा आए ही नहीं। नोएडा की कई योजनाओं का उद्घाटन तो अखिलेश ने लखनऊ से रिमोट से ही कर दिया।
यूपी के मुख्यमंत्री के लिए नोएडा अशुभ माना जाता है। इसके पीछे कई बार इत्तेफाक भी हुआ। 1988 में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को नोएडा से लौटते ही इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद सालों तक कोई मुख्यमंत्री वहां नहीं गया।
हालांकि, इसके बाद मायावती ने जरूर साहस दिखाया और मुख्यमंत्री रहते चार बार नोएडा गईं, लेकिन 2012 के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
यह अलग बात है कि अपने 5 साल के कार्यकाल में अखिलेश यादव एक बार भी नोएडा नहीं आए लेकिन सीएम कुर्सी तो फिर भी चली गई।
…इसलिए नोएडा का बना मिथक
1. 1988 में सीएम वीर बहादुर सिंह ने नोएडा आने के बाद ही अपनी कुर्सी खो दी थी।
2.1989 में नारायण दत्त तिवारी और 1999 में कल्याण सिंह की कुर्सी भी नोएडा आने से चली गई थी ऐसा माना जाता है।
3. 2007 में सत्ता में आने के बाद सीएम मायावती चार बार नोएडा आईं और 2012 के चुनाव में वह हार गईं।
4.1995 के साल में वर्तमान सीएम मुलायम सिंह के साथ भी ऐसा हादसा हो चुका है जब वे नोएडा आए थे और कुछ दिन बाद ही उनकी सीएम की कुर्सी चली गई।
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