न्यूज़ डेस्क : बिहार में विधानसभा चुनाव की पारा चढ़ने लगा है। पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने शनिवार को बिहार से नीतीश कुमार की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एक नए राजनीतिक विकल्प का एलान किया। उन्होंने कहा कि उनका फ्रंट बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेगा। उन्होंने खुद के भी चुनाव लड़ने की संकेत दिया।
जदयू नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के युवाओं को जोड़ने के लिए ‘बात बिहार की’ नाम से एक अभियान शुरू किया था। इसके बाद बिहार के लिए एक स्व-घोषित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार को बदलने की मुहिम चला रही हैं। ऐसे में अनुभवी सिन्हा का बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ताल ठोकना राज्य की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ लेकर आएगा। सिन्हा ने कहा कि बिहार की लड़ाई में यह एक अहम मोड़ है।
यशवंत सिन्हा ने पटना में ‘बदलो बिहार, बेहतर बिहार बनाओ’ नाम के अभियान की शुरुआत की। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि प्रदेश की बदहाल स्थिति को देखते हुए वे तीसरे मोर्चे का गठन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मोर्चा प्रदेश में एनडीए और महागठबंधन का विकल्प बनेगा। हालांकि उन्होंने अभी इस बात का खुलासा नहीं किया कि इस मोर्चे में कौन-कौन शामिल हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हम आने वाले चुनाव में मिलकर लड़ेंगे। प्रदेश की हालत को बदलने व बेहतर बनाने में सरकार की भूमिका होती है। वर्तमान बदहाली के लिए सरकार जिम्मेदार है और हम मिलकर इसे हटाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की तस्वीर बदलने के लिए 15 वर्ष का कार्यकाल किसी भी सरकार के लिए काफी होता है।
पूर्व सांसद देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक नागमणि, बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी, पूर्व सांसद और दलित नेता पूर्णमासी राम, जनता दल (राष्ट्रवादी) के संस्थापक अशफाक रहमान, अनिल कुमार, लोजपा (एस) अध्यक्ष सत्यानंद शर्मा, पूर्व विधायक सिद्धनाथ राय सहित बिहार के कई प्रमुख नेता इस मोर्चे में शामिल हो सकते हैं। सिन्हा आम चुनाव से पहले भी देश में नए मोर्चे के गठन की कोशिश कर चुके हैं।
ईंधनों की कीमत में वृद्धि पर कहा, यह केंद्र की ‘सरासर मुनाफाखोरी’
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को आरोप लगाया कि रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि कर केंद्र बस मुनाफाखोरी कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र ने अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की जबकि दूसरी तरफ उसने उन लोगों को लूट लिया जो मोटरसाइकिलों, स्कूटरों और अन्य वाहनों से सफर करते हैं।
शनिवार को जहां डीजल के दामों में लगातार 21वें दिन वृद्धि की गई वहीं पेट्रोल की कीमत पिछले तीन हफ्तों में 20 बार बढ़ चुकी है। सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसे कई मौके आते हैं जब पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि करना अनिवार्य हो जाता है। लेकिन मैं अपने अनुभवों के आधार पर आपको बता सकता हूं कि आज की परिस्थिति में यह और कुछ नहीं बल्कि सरासर मुनाफाखोरी है।
उन्होंने कहा, यह जानना दुर्भाग्यपूर्ण एवं निराश करने वाला है कि सरकार मुनाफाखोरी का सहारा ले रही है। सिन्हा ने कहा कि यह सबको पता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम हैं।
शनिवार को, पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 25 पैसे और डीजल के दामों में 21 पैसे की वृद्धि होने के बाद तीन हफ्तों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अब तक क्रमश: 9.12 और 11.01 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
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