विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक डॉ. नगोजी ओकोंजो-इवेला ने स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों और ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत की
स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने एसएचजी के साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए
डॉ. नगोजी ने महामारी के दौरान एसएचजी सदस्यों द्वारा की गई पहल की सराहना की
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महानिदेशक (डीजी) डॉ. नोगोजी ओकोन्जो-इवेला ने भारत की अपनी वर्तमान यात्रा के दौरान 22 अक्टूबर, 2021 को भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) के अधिकारियों और ग्रामीण विकास मंत्रालय के दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत पदोन्नत स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं के साथ बातचीत की।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री चरणजीत सिंह ने चर्चा की अगुवाई की और ग्रामीण विकास मंत्रालय के निदेशक श्री राघवेंद्र प्रताप सिंह तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम की राष्ट्रीय मिशन प्रबंधन इकाई के विषयगत विशेषज्ञों की एक टीम ने बैठक में भाग लिया। भारत के राजदूत और स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि श्री ब्रजेंद्र नवनीत और वाणिज्य मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के श्री अभिमन्यु शर्मा ने बैठक में भाग लिया।
श्री चरणजीत सिंह ने कोविड-19 के प्रकोप के दौरान डीएवाई-एनआरएलएम घटकों तथा एसएचजी द्वारा संचालित गतिविधियों की समीक्षा प्रस्तुत की। विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक ने मध्य प्रदेश के विश्वनाथ एसएचजी की मास्टर कृषि सखी सुश्री रामबेटी सेन, बिहार के दुर्गा एसएचजी की बीसी सखी सुश्री सुषमा देवी, कृष्ण भगवान सीएलएफ की अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के जय चामुंडा एसएचजी की सुश्री जमुना, केरल के विस्माया एसएचजी की सचिव सुश्री सुजाता उन्नीकृष्णन और झारखंड के मां गायत्री एसएचजी की उद्यमी सुश्री नंदिनी देवी के साथ वर्चुअल तरीके से बातचीत भी की।
उन्होंने एसएचजी सदस्यों से उनके कार्यक्षेत्र, एसएचजी में शामिल होने के उनके अनुभव, इसने आर्थिक और सामाजिक रूप से उन्हें कैसे प्रभावित किया है और एसएचजी ने रोग के प्रकोप से उत्पन्न चुनौतियों का किस प्रकार सामना किया, इसके बारे में पूछताछ की।
एसएचजी सदस्यों ने एसएचजी के साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए और बताया कि उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है और अब वे अपने परिवार, बच्चों और खुद की बेहतर देखभाल करने में सक्षम हैं। उन्होंने अपने काम अर्थात कोविड-19 के दौरान घर-घर जाकर पैसे का संवितरण, कृषि-पोषण उद्यान की स्थापना में एसएचजी परिवारों की सहायता, कृषि-पारिस्थितिकी प्रचलनों को बढ़ावा देने, साबुन, सैनिटाइज़र बनाने, मसाले आदि जैसे उद्यमों की स्थापना, कोविड-19 उपयुक्त व्यवहारों पर जागरूकता पैदा करने, समुदाय में कोविड-19 टीकों से संबंधित झिझक को दूर करने, निर्बल वर्गों को निशुल्क सूखा राशन और पके हुए भोजन का वितरण आदि के बारे में जानकारी दी।
विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक ने एसएचजी सदस्यों को उनके जीवन और समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने विशेष रूप से महामारी के दौरान एसएचजी सदस्यों द्वारा की गई पहलों की सराहना की और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं।
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