102 डील्स के साथ वेंचर कैटेलिस्ट्स ने भारत में सबसे बड़े इनक्यूबेटर और एक्सीलरेटर के तौर पर अपनी पोजिशन को कायम रखा
मुंबई: भारतीय अर्ली-स्टेज स्टार्ट-अपनिवेशक वेंचरकैटे लिस्ट्स ग्रुप (वीकैट्स) ने कोविड-19 महामारी के बावजूद एक बार फिर 2020 में अपनी श्रेणी में अपनी लीडरशिप स्थापित की है। मुंबई की यह निवेश फर्म एक इनक्यूबेटर और सेबी रजिस्टर्ड एक्सीलरेटर फंड 9 यूनिकॉर्न्स संचालित करती है और इसने पिछले साल के 63 के मुकाबले इस साल 102 डील्स की है।
वीकैट्स का फोकस भारत के छोटे शहरों में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूती देने पर है और इसने इस साल कई क्षेत्रों में कई आइडिया-स्टेज और अर्ली-स्टेज के व्यवसायों में सिंडिकेशन के माध्यम से 700 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि 2019 में उसने 500 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
सिंडिकेशन में शामिल कुछ को-इन्वेस्टर में सिकोइयासर्ज, एनीकट, डीएसजी कंज्यूमर पार्टनर्स, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, फेसबुक एफबी स्टार्ट, लाइट स्पीडवेंचर पार्टनर्स इंडिया, मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया, टाइटन कैपिटल (रोहित बंसल और कुणाल बहल), जोमाटो के पंकज चड्ढा, संजीव बजाज, एसओएसवी, प्रवीण जाधव, ललित केशरे और कई अन्य प्रसिद्ध नाम हैं।
प्रमुख ग्लोबल रिसर्चफर्मों –ट्रेक्सन एंड क्रंचबेस से लिए गए आंकड़ों के अनुसार, वीकैट्स ने अर्लीस्टेज या आइडियास्टेज की निवेश फर्मों जैसे कि एंजेलिस्ट इंडिया, लेट्सवेंचर, मुंबई एंजेल्स और ब्लूमेवेंचर को स्टार्ट-अपइन्वेस्टमेंट से जुड़े हर पैरामीटर में फंडिंग से एक्जिट तक पछाड़ दिया है।
सिर्फ भारतीय इन्वेस्टर | डील्स के नंबर | औसत निवेश | औसत राउंडसाइज |
वेंचरकैटेलिस्ट्स और 9 यूनीकॉर्न्स | 102 | $500 हजार | $1मिलियन |
एंजेलिस्ट इंडिया | 65 | $75 हजार | $300 हजार |
लेट्सवेंचर | 52 | $55 हजार | $500 हजार |
मुंबई एंजेल्स | 25 | $300 हजार | $450 हजार |
ब्लूमेवेंचर्स | 24 | $150 हजार | $200 हजार |
इंडियनएंजेल नेटवर्क | 7 | $300 हजार | $500 हजार |
सोर्स – ट्रैक्सन, क्रंचबेस
ऐसे समय में जब कोविड-19 की वजह से आर्थिक संकट शुरू हुआ, तब कई टॉपइन्वेस्टर्स के साथ-साथ स्टार्ट-अप इकोसिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इससे उनका पर्ससिमट गया था, इसके बाद भी वीकैट्स ने नए उद्यमियों का सपोर्ट करने के अपने मिशन को जारी रखा। 2016 में डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा, अनिल जैन, अनुज गोलचा और गौरव जैन द्वारा स्थापित इन्वेस्टमेंट फर्म ने भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन और मध्य-पूर्व के बाजारों में कई ग्लोबल स्टार्ट-अप में निवेश के लिए एक इन्वेस्टर बेस बनाया है।
लगातार दूसरे वर्ष फर्म ने टॉप-10 ग्लोबल मोस्ट एक्टिव एक्सीलरेटर और इनक्यूबेटर्स की सूची में भी जगह बनाई है। यह अब वायकॉम्बिनेटर और टेकस्टार्ट्स के पीछे तीसरे स्थान पर है और डील्स के मामले में इसने प्लग एंड प्ले, 500 स्टार्टअप, एसओएसवी और एंटलर ग्लोबल जैसे लोकप्रिय एक्सीलरेटर को पीछे छोड़ दिया है।
अमेरिका स्थित वायकॉम्बिनेटर ने 12 दिसंबर, 2020 तक 379 डील्स के साथ इस पैक का नेतृत्व किया।
इनक्यूबेटर और इन्वेस्टर | डील्स की संख्या | औसत निवेश |
वायसी | 379 | $125 हजार |
टेकस्टार्ट्स | 190 | $120 हजार |
वेंचर कैटेलिस्ट्स ग्रुप | 102 | $500 हजार |
ग्लोबल फाउंडर्स कैपिटल | 78 | $1 मिलियन |
एंटलर (ग्लोबल) | 52 | $125 हजार |
प्लगएंडप्ले | 46 | $200 हजार |
500 स्टार्टअप्स | 44 | $200 हजार |
एसओएसवी | 38 | $300 हजार |
वेंचरकिक्स | 23 | $165 हजार |
अवरक्राउड | 18 | $1 मिलियन |
सोर्स– ट्रैक्सन, क्रंचबेस
12.12.2020 की स्थिति में
भारत में पोजपोजिशन हासिल करने और वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर लाने के लिए वेंचर कैटेलिस्ट्स ग्रुप के सह-संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. अपूर्वरंजन शर्मा ने कहा, “भारत और विदेश में कई निवेशफर्मों ने 2020 में फंडिंग एक्टिविटी में कमी देखी है और हम आगे बढ़ते रहे हैं। एक फाउंडर-फ्रेंडली इन्वेस्टर के रूप में हमारा मानना है कि प्रतिकूलता अपने साथ कई अवसर भी लाती है। वास्तव में हम भाग्यशाली हैं कि हम सही मूल्यांकन के साथ कई इनोवेटिव और अच्छे स्टार्ट-अप को आगे बढ़ा सके और इन शुरुआती स्टार्ट-अप को सपोर्ट कर सके।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी बढ़त में जिम्मेदार एक और महत्वपूर्ण फेक्टर यह था कि सरकारी सपोर्ट और घरेलू प्रोडक्ट्स और सॉल्युशंस के प्रति कंज्यूमर डिमांड बढ़ने की वजह से अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम ने तेजी से बढ़त हासिल की। महामारी ने एक नया वर्ल्ड ऑर्डर स्थापित किया है और विभिन्न नए क्षेत्रों को जन्म दिया है और हम इस नए नॉर्मल को एक अवसर के तौर पर देख रहे हैं।”
एक्जिट्स के मोर्चे पर भी 2020 वीकैट्स के लिए एक अच्छा वर्ष रहा। फर्म ने 2020 में 36 डील्स में कम्युलेटिव एक्जिट और लिक्विडिटी इवेंट्स में 33.3% की वृद्धि देखी, यह दिखाता है कि सामाजिक-आर्थिक संकट के बावजूद लेट-स्टेज इन्वेस्टमेंट एक्टिविटी का मूल्यांकन वर्ष में अप्रभावित रहा।
इन्वेस्टर्स आमतौर पर अर्ली-स्टेज और आइडिया-स्टेज स्टार्ट-अप्स में 100 हजार से 1.5 मिलियन अमेरिकी डालर तक निवेश करते हैं और ब्लू-मार्ट, चार्जजोन, दुकान, रसिकमित्रोंटीवी, फ्रेटब्रो, गेटवैंटेज, परीक्षा, प्रेसिंटो, रिजॉल्वए आई, टॉच, जिंगबस, राउंड लैब्स और स्टेज समेत अन्य कंपनियों में निवेश करते हैं। डीपटेक, बी2बीसास, फिनटेक, इंश्योरटेक, एफएंडबी, हेल्थटेक, मीडिया ने इस साल सबसे ज्यादा निवेश हासिल किया।
टियर-2 और टियर-3 शहरों में 5000 से अधिक एंजेल निवेशकों के मजबूत और ठोस नेटवर्क के साथ वीकैट्स ने भारत पे, सुपर डेली, बियर्डो, कूटलूट, फाइंड और ब्लोहॉर्न जैसे कुछ बहुत ही सफल स्टार्ट-अप्स में एक शुरुआती आधार दिया है। पांच वर्षों से भी कम समय में फर्म के ओवर ऑल पोर्टफोलियो निवेश 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के कुल वैल्युएशन तक पहुंच चुका है।
2021 में, डॉ. शर्मा को उम्मीद है कि फिनटेक, एडुटेक, एग्रीटेक, एफएमसीजी, ईकॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में निवेश जारी रहेगा। एआई और डेटाएनालिटिक्स जैसे डीपटेक से भी बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि फिजिकल डिस्टेंसिंग अब एक नया नॉर्मल है और सभी सेक्टर में बिजनेस भी डिजिटल हो रहे हैं।
इसके अलावा इस साल वीकैट्स ने 33 से अधिक भारतीय शहरों और नौ देशों में अपने घरेलू और ग्लोबल फुटप्रिंट का आक्रामक रूप से विस्तार किया है। शीर्ष 10 महानगरों से आगे जाकर भारत में उद्यमिता का नेतृत्व करने वाली फर्म का लक्ष्य अधिक स्मार्टसिटी बनाने के सरकार के रैपिडरिफॉर्म्स के आधार पर देश में 100 से अधिक स्टार्ट-अप शहरों और कस्बों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है।
डॉ. शर्मा ने कहा, “वर्तमान में देश में बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण क्रांति हो रही है। इसमें सरकार की प्रमुख भूमिका है, और तो और निजी क्षेत्र की कंपनियां और बड़े समूह भी भारत को दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम बनाने में मदद कर रहे हैं।उ दाहरण के लिए, रिलायंस जियो की ओर से लॉन्च किए गए 5000 करोड़ रुपए के स्टार्टअप फंड और भविष्य के व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए ‘छोटे भारतीय शहरों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देगा। इसके अलावा किफायती डेटा और मजबूत ब्रॉडबैंड सर्विसेस के साथ जियो पहले ही उद्यमिता को विस्तार दे रहा है। इनसे हमें काफी प्रोत्साहन मिला है और हम आने वाले वर्ष में लगभग 1000 करोड़ रुपए का निवेश करने और डील्स की संख्या को दोगुना करने की उम्मीद करते हैं। हमें उम्मीद है कि भारत के छोटे बी और सी शहरों से विकास बढ़ेगा।
इस साल अगस्त में ओयो के संस्थापक रितेश अग्रवाल ने भारत के बढ़ते स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का समर्थन करने के लिए सलाहकार और संरक्षक के रूप में वीकैट्स के साथ हाथ मिलाया। अग्रवाल देश के टियर 1, 2 और 3 शहरों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेटर के साथ काम करेंगे और भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनने में मदद करेंगे।
वेंचरकैटेलिस्ट्स के बारे में
वेंचरकैटेलिस्ट्स भारत का पहला एकीकृत इनक्यूबेटर है। यह शुरुआती चरण के स्टार्ट-अप्स में $250 हजार – 1.5 मिलियन डॉलर का निवेश करता है, जिसमें लंबी अवधि के लिए स्थायी मूल्य बनाने की क्षमता होती है। पिछले कुछ वर्षों में यह टियर 2 और 3 बाजारों में मजबूत उपस्थिति के साथ देश के वाइब्रंट स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने और उन्हें आगे बढ़ाने में सहायक रहा है। वेंचर कैटेलिस्ट्स निवेश कंपनियों को सफल होने में मदद करने के लिए कैपिटल, मेंटरिंग और बिजनेस नेटवर्क का घातक संयोजन लाते हैं। उनका इनोवेशन अपने व्यापकएंजेल नेटवर्क, फंडिंग, कम्युनिटी, सर्विसेस और को-वर्किंग फेसिलिटी के माध्यम से स्टार्ट-अपको मूल्य प्रदान करता है। वेंचर कैटेलिस्ट्स का फोकस स्टार्ट-अप्स को फंड, निवेशक नेटवर्क, टियर-1 संस्थापकों और सीएक्सओ और फैमिली ऑफिस के जरिए निरंतर पूंजी तक पहुंच प्रदान करने पर है और इसके साथ-साथ कॉर्पोरेट और ग्लोबल ग्रोथ प्रोग्राम्स के जरिए उन्हें मार्केट उपलब्ध कराने परहै।
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