न्यूज़ डेस्क : पिछले सप्ताह कर्नाटक में एपल आईफोन बनाने वाली फैक्ट्री विस्ट्रॉन में हुए तोड़फोड़ के मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। एपल ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि विस्ट्रॉन से फिलहाल कोई बिजनेस नहीं करेगी। एपल ने कहा है कि जब तक कंपनी स्थितियों में सुधार नहीं करती है, तब तक उसके साथ कोई बिजनेस नहीं किया जाएगा। एपल ने कुछ एक्सपर्ट को इस मामले की जांच के लिए भी नियुक्त किया है।
एपल का कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि हमारे कार्यकारी आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। इसके अलावा इस बात की भी जानकारी मिली है कि अक्तूबर और नवंबर में कुछ श्रमिकों के भुगतान में देरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस विवाद के बाद विस्ट्रोन इंडिया ने अपने वाइस प्रेसीडेंट विंसेंट ली (Vincent Lee) को भी पद से हटा दिया है।
एपल की विस्ट्रॉन को चेतावनी
एपल ने आधिकारिक तौर पर कहा है, ‘हमने विस्ट्रॉन को परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रखा है और सुधारात्मक कार्रवाई पूरी होने से पहले हम विस्ट्रॉन से किसी तरह का कोई नया बिजनेस नहीं करेंगे। हम स्वतंत्र लेखा परीक्षकों के साथ इस मामले पर नजर रखेंगे। हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी श्रमिकों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाए और उनके साथ अच्छे व्यवहार किए जाएं। साथ ही पीड़ितों को पूरा न्याय और मुआवजा मिले।’
तोड़फोड़ से कंपनी को 437 करोड़ रुपये का नुकसान
बता दें कि कर्नाटक में एपल आईफोन बनाने वाली फैक्ट्री विस्ट्रॉन (Wistron) में 12 दिसंबर को तोड़फोड़ हुआ था। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस तोड़फोड़ से कंपनी को 437 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसकी जानकारी विस्ट्रॉन ने पुलिस को दी है। इस संबंध में कंपनी ने पुलिस और कर्मचारी विभाग में मामला दर्ज कराया है। कंपनी की ओर से लिखित शिकायत में कहा गया है कि इस तोड़फोड़ से उसे करीब 437 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शिकायत में कहा गया है कि कई लोगों ने आईफोन की चोरी भी की है और सबसे ज्यादा नुकसान आईफोन की चोरी से ही हुआ है। अन्य नुकसान फैक्ट्री की असेंबली लाइन में सामान की बर्बादी से हुआ है।
यह है पूरा मामला
कर्नाटक के कोलार जिले में नरसापुर औद्योगिक क्षेत्र है। यहां ताईवान की एक कंपनी विस्ट्रॉन एपल आईफोन बनाती है। इस कंपनी की फैक्ट्री के कर्मचारियों ने जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने कांच के दरवाजे और कैबिन तोड़ डाले। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। कर्मचारियों ने फैक्ट्री में खड़े कुछ वाहनों को आग लगा दी। फैक्ट्री में पत्थरबाजी भी की। कंपनी के बोर्ड को भी आग के हवाले कर दिया।
कर्मचारियों ने लगाया यह आरोप
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिला। कंपनी बार-बार वेतन देने का आश्वासन देती रही, लेकिन उन्हें पैसे नहीं दिए गए। इससे उनका गुजारा मुश्किल हो गया है। ऐसे में कर्मचारियों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने तोड़फोड़ कर डाली।
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