नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। सरकार जहा उपराज्यपाल और केंद्र सरकार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप वाले मुद्दों पर चर्चा करा सकती है, वहीं विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है।
उपराज्यपाल से ‘आप’ का टकराव
कई मुद्दों पर सरकार और उपराज्यपाल के बीच ठनी हुई है। ‘आप’ सरकार की योजना हो या फिर पिछले विधानसभा सत्र में दिल्ली सरकार द्वारा पास किए गए गेस्ट टीचरों को नियमित किए जाने का प्रस्ताव, ‘आप’ सरकार ने हर मामले में अपनी मनमानी चलाने का प्रयास किया है। गेस्ट शिक्षकों के मामले में उपराज्यपाल निवास ने यहां तक कह दिया था कि सरकार जो प्रस्ताव ला रही है कि वह नियम कानून के अनुरूप ठीक नहीं है।
मुद्दों को भुनाएगी सरकार
‘आप’ सरकार की योजना ‘जनता के द्वार’ को लेकर भी उपराज्यपाल ने सुझाव दिया था कि जब एक तरफ सुविधाओं को ऑनलाइन किए जाने को बढ़ावा दिया जा रहा है, तो ऐसे में इन योजनाओं को लाया जाना उचित नहीं है। मगर सरकार नहीं मानी और लौटाई गई इस योजना को फिर से स्वीकृति के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा है। चूंकि ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें स्वीकृति मिले न मिले मगर इन्हें भुनाने की फिराक में सरकार जरूर है।
सदन में उठेंगे ये मुद्दे
दिल्ली सरकार सदन का उपयोग उपराज्यपाल या केंद्र सरकार के खिलाफ आरोप लगाकर चर्चा कराने के लिए करती रही है। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार भी ऐसे मुद्दे सदन में आएंगे। दिल्ली में हो रही सीलिंग का मुद्दा भी सदन में आ सकता है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर एक-दूसरे को घेर सकते हैं, क्योंकि 2006 में राजधानी की 2550 सड़कों को दिल्ली सरकार ने वाणिज्यिक या मिश्रित भूमि उपयोग के रूप में अधिसूचित किया था। उस समय 351 सड़कों को अधिसूचित नहीं किया जा सका। यह मामला पिछले 11 वर्षो से लंबित है।
तैयार है विपक्ष
भाजपा शासित निगमों के तीनों महापौर के अनुसार ‘आप’ सरकार ने सत्ता में आने के बाद इन 351 सड़कों के बारे में कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार इस मुद्दे को दबाकर बैठ गई है। जबकि सरकार इस मुद्दे पर नगर निगम पर आरोप लगा रही है। इन सभी मुद्दों पर सदन में माहौल गरमाने की पूरी आशंका है। विपक्ष भी पूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचेगा।
विधानसभा सदन में आ सकते हैं कुछ प्रस्ताव
दिल्ली विधानसभा सत्र में कुछ प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आ सकते हैं। हालांकि सरकार ने अभी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लौटाए गए कुछ प्रस्ताव दिल्ली सरकार स्वीकृति देकर फिर से केंद्र के पास भेज सकती है।
सरकार से जवाब मांगा जाएगा
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि ‘आप’ सरकार जनता के मुद्दों पर न तो विधानसभा में और न ही बाहर कहीं चर्चा करती है। बेवजह मुद्दों को लेकर विवाद खड़ा करना या आरोप लगाना ही इस सरकार का काम है। विधानसभा में सरकार की तरफ से जनता विरोधी मामलों का जोरदार ढंग से विरोध किया जाएगा। ठंड में सड़कों पर मर रहे बेघरों को लेकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
कपिल मिश्रा ने रखी है सुशील गुप्ता के मुद्दे पर चर्चा की मांग
पूर्व मंत्री व ‘आप’ विधायक कपिल मिश्रा ने विधानसभा सदन में ‘आप’ द्वारा राज्यसभा में भेजे गए सुशील गुप्ता पर चर्चा कराए जाने की मांग रखी है। उन्होंने इस बारे में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि सुशील गुप्ता को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, इसलिए इस मामले पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।
News Source :- www.jagran.com
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