क्या पुलवामा मे मारे गए लोगो को पेंसन नहीं मिलेगी ?

देश के लोगों ने टीवी और सोशल मीडिया पर ‘शहीदों’ और उनके परिवारों के लिए हमदर्दी और चिंताएं जताई हैं. अधिकतर लोगों ने जवानों की पेंशन को लेकर चिंता जताई है l

 

 बहुत से लोगों ने ट्विटर पर दावा किया है कि पुलवामा पीड़ित के 75 प्रतिशत परिवारों को पेंशन नहीं मिलेगी क्यूंकि वो 1972 की पुरानी पेंशन योजना के तहत कवर नहीं होते हैं. उन्होंने केंद्रीय सरकार से आग्रह किया है कि मारे गए जवानों के परिवारों को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाने के लिए प्रयास किया जाए l

सीआरपीएफ़ और अन्य केंद्रीय पुलिस बल 1972 की केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) पेंशन योजना के तहत आते हैं. लेकिन 2004 के बाद सुरक्षा बल में शामिल होने वालों को किसी भी पेंशन योजना के तहत कवर नहीं किया जाता है l

 

सीआरपीएफ़ अधिकारियों के अनुसार पुलवामा हमले में मारे गए 40 में से 23 जवान 2004 के बाद फ़ोर्स में शामिल हुए थे. यही वजह है कि ट्विटर पर कई लोगों को डर है कि “शहीदों” के परिवारों को पेंशन नहीं मिलेगी. लेकिन, सीआरपीएफ़ के मुताबिक़ सभी 40 जवानों के परिवारों को पेंशन मिलेगी, चाहे वो सुरक्षा बल में 2004 के बाद ही क्यों न शामिल हुए हों l

 

इसकी पुष्टि करते हुए, सीआरपीएफ़ के प्रवक्ता और डीआईजी, मोज़ेज़ धीनाकरन ने बीबीसी से कहा, “उनकी शामिल होने की तारीखों के बावजूद, सभी शहीदों के परिवारों को “लिबरलाइज्ड पेंशन अवार्ड्स” दिया जाएगा जो आखिरी वेतन का 100% है और उसमें डीए भी जुड़ा है.”

सीआरपीएफ़ प्रवक्ता का कहना है कि यह पेंशन ऑफर अर्धसैनिक बलों के उन सभी जवानों के परिवारों पर लागू होता है जो 2004 से पहले या बाद में सेवा में शामिल हुए थे, लेकिन देश में कहीं भी हुई कार्रवाई में मारे गए थे l 

 

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