पंचकूला: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के मामलें में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत सिंह की सबसे खास राजदार हनीप्रीत और विपासना शुक्रवार को पुलिस थाने में आमने-सामने हो गई. दोनों में जमकर बहस हुई, 4 घंटे 51 मिनट तक हुई पूछताछ के दौरान हनीप्रीत और विपासना के सामने 40 क्रॉस सवालों के जवाब में विपासना ने कुछ नहीं बताया. वहीं बड़ा खुलासा ये है, कि हनीप्रीत ने विपासना और पुलिस के सामने कहा कि 17 अगस्त की मीटिंग में विपासना भी मौजूद थी, लेकिन विपासना ने इस बात को नकार दिया. वहीं लैपटॉप और डायरियों की बात पर हनीप्रीत अपने ब्यानों पर अड़ी रही, जबकि विपासना ने पुलिस को सही जवाब नहीं दिया और पुलिस के सामने ही मुकर गई. जिसके चलते अब पुलिस ने दोबारा उसे सोमवार को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है.
असल में पंचकूला में दंगों की साजिश से लेकर इन्हें अंजाम देने, लोगों की भूमिका होने, डेरा में हनीप्रीत के जाने के बारे में पूरी बात को जानने के लिए पुलिस ने विपासना को सेक्टर 23 चंडीमंदिर पुलिस थाने में बुलाया था. सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर विपासना पुलिस थाने में आई. 16 बजकर 13 मिनट, यानी 4 घंटें 51 मिनट तक दोनों को आमने-सामने कर पूछताछ की गई. शाम करीब 7 बजकर 53 मिनट पर विपासना यहां पुलिस थानें से निकली और वापिस चली गई. पुलिस ने विपासना और हनीप्रीत को आमने-सामने कर 40 सवालों की लिस्ट को बनाया गया था.
पुलिस के सामने ही आपस में भिड़ पड़ी विपासना और हनीप्रीत.. पुख्ता सूत्रों के पुलिस थाने के अंदर विपासना और हनीप्रीत को जब आमने-सामने किया गया, तो सवालों के शुरू होते ही दोनों की बहस हो गई. क्योंकि हनीप्रीत उसके बारे में जब कुछ बता रही थी, तो उसने इनकार कर दिया. जिसके बाद दोनों में बहस का माहौल पैदा हो गया. जिस पर एसीपी और अन्य पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका और बातचीत को आम माहौल में लेकर आए.
ये सवाल जवाब जो विपासना और हनीप्रीत में करवाए गए
हनीप्रीत- पुलिस को दिए ब्यानों के अनुसार हनीप्रीत ने कहा, 17 अगस्त को डेरे में हुई,मीटिंग के दौरान मैंने ही उसकी अध्यक्षता की थी. जिसमें काफी लोग शामिल थे. विपासना भी डेरे में होती हैं. ऐसे में वो भी इस मीटिंग में शामिल होगी. क्योंकि मैंने उसे देखा भी था, शायद.
विपासना- मैं डेरे में जरूर होती हूं, लेकिन उसके अलावा भी काफी काम होते हैं. ऐेसे में मैं उस मीटिंग में आई ही नहीं थी. न ही मुझे जानकारी है. मुझे याद नहीं है, सोचकर बताऊंगी. हनीप्रीत ने कहा रोहतक से आने के बाद मैंने डेरे में विपासना से मुलाकात की थी. विपासना ने कहा, हां ये डेरे में आई थी, लेकिन उसके बाद चली गई थी.
हनीप्रीत- इस मुलाकात के दौरान मैंने लैपटॉप, कुछ डॉक्यूमेंट्स, डायरी और मोबाईल विपासना को दिए थे. जिस पर विपासना ने कहा, नहीं मुझे तो सिर्फ मोबाईल मिला था. उसके बाद अलावा कुछ भी नहीं. हनीप्रीत ने कहा, नहीं नहीं, मैंने तो इसे ही सामान के बारे में बताया था, इसे सारी जानकारी है. विपासना बोली, नहीं मुझे कुछ याद नहीं है, कि सामान कहां है. मुझे कुछ समय दिया जाए.
वहीं पंचकूला पुलिस एसआईटी हेड मुकेश मल्हौत्रा ने बताया कि मीडिया में खबर गलत आ रही है, कि लैपटॉप मिला है. ऐसा नहीं है. हमें विपासना ने सिर्फ मोबाईल दिया है. जिसे सील कर लिया गया है. जिसके बाद उसे जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा, क्यों कि उसमें से कुछ डिलीट किया गया है, या नहीं, इस बारे में जांच की जानी हैं. जिसके बाद उस से मिलाए गए कॉल और मैसेज को भी चैक किया जाना हैं.
वहीं हमारे चैनल ने पहले ही बता दिया था, कि पुलिस को दंगों की फंडिग से जुडे कुछ दस्तावेज भी मिले हैं. जिसमें 100 के करीब पेजों की फाईल हो सकती हैं. जिसके बारें में अभी पुलिस कोई खुलासा नहीं कर रही है. बल्कि इस बारें में इन्वेस्टिगेशन की जा रही है.
विपासना से 9 घंटों तक पूछताछ, सोमवार को दोबारा बुलाया गया है. वहीं विपासना से पुलिस ने करीब 9 घंटों तक पूछताछ की है. जिसमें पांच घंटे के करीब तो हनीप्रीत के सामने और उसके बाद पुलिस अधिकारियों ने अपने लेवल पर पूछताछ की. सभी सवालों के जवाब में विपासना ने कहा कि सोचकर बताउंगी. जिसके बाद दोबारा से सोमवार को बुलाया है.
हनीप्रीत को पंचकूला पुलिस की एसआईटी ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया. जहां कोर्ट में पुलिस ने उसका रिमांड नहीं मांगा. जिसके बाद कोर्ट ने उसे न्याययिक हिरासत में भेज दिया. असल में पुलिस ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है, लेकिन बाकी सभी आरोपियों की तारीख 23 अक्तुबर को है. ऐसे में साथ में सभी को पेश किया जा सके, इस लिए ऐसा किया गया है. वहीं मामला हाईप्रोफाईल होने के चलते वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिग से पेश किया जा सकता है.
News Source: khabar.ndtv.com
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