आनंद के जादुई आनंद के क्या कहने

इंदौर ।आनंद के जादुई आनंद के क्या कहने। ये तो आज भी वैसा था जैसा कल था, और कल भी वैसा ही रहेगा, जैसा आज है। ये कहना है उन लोगों का, जो जादूगर आनंद के शो देख कर उनके दीवाने हो रहे हैं। सारे काम छोड़कर     रवींद्र नाट्य गृह की   ओर  लपक रहे लोग जादूगर आनंद को देखने । मंच पर पहुंचने वाले अतिथि कहते हैं कि आनंद साहब का जादू जितनी बार देखो, हर बार अलहदा होता है। उनके अंदाज की दुनिया यदि दिवानी है, तो इसका श्रेय आनंदजी की त्याग-सेवा और जादू के प्रति समर्पण भाव को जाता है। 
जादुई माला से स्वागत-
जादूगर आनंद जादुई माला से अतिथियों का स्वागत करते हें। अतिथि ये देख आश्चर्य से भर उठते हैं कि कैसे अचानक माला प्रकट हुई और उनके गले में पड़ गई। दर्शक भी कह रहे हैं कि ऐसा जादू उन्होंने अन्यत्र कहीं नहीं देखा। दर्शक कहते हैं कि आनंद साहब के हाथों का कमाल देख हम हतप्रभ हैं। सैकड़ों की भीड़ में ऐसी आनंदमयी एक ाग्रता भी आसानी से देखने नहीं मिलती। 
जो दिखाता हूं वही सच– 
जादूगर आनंद ने जोर देकर कहा कि वे जो दिखाते हैं, वही सच होता है। कोई ये न समझे कि मंच को नीचे काट कर उसमें कोई सुरंग बनाई गई है। उन्होंने कहा कि ये जादू मेरे हाथों का कमाल है और इसी के चलते शो के दौरान पूरे समय एकाग्रचित्त दर्शक  बाहर की दुनिया भूल जाते हंै। आनंद ने कहा दर्शकों की तालियां उन्हें हमेशा उर्जावान रखतीं हैं। जादू उनके खून में है और जब तक उनके शरीर में सांसे हैं, तब तक वे जादू दिखाते रहना चाहते हैं।

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