“हम लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग की निंदा करते हैं”: लंदन में जयशंकर के कार्यक्रम में सुरक्षा उल्लंघन पर विदेश मंत्रालय का बयान
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा उल्लंघन के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय ने इस घटना को लेकर कड़ा बयान जारी करते हुए लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग की निंदा की। विदेश मंत्रालय का यह बयान तब आया जब कुछ अराजक तत्वों ने लंदन में जयशंकर के कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की, जिसके कारण सुरक्षा व्यवस्था में भारी खलल पड़ा।
घटना का विवरण
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे, जहां भारतीय समुदाय के लोग और विभिन्न राजनीतिक वर्ग के प्रतिनिधि उपस्थित थे। यह कार्यक्रम भारतीय कूटनीति, विदेश नीति, और वैश्विक रणनीति से संबंधित था। जैसे ही जयशंकर का संबोधन शुरू हुआ, कुछ प्रदर्शनकारियों ने कार्यक्रम स्थल में घुसकर हंगामा करना शुरू कर दिया और विदेशी मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों के कारण सुरक्षा बलों को स्थिति पर काबू पाने में कठिनाई आई। इसके चलते कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य लोगों को असुविधा हुई और मंत्री की सुरक्षा भी खतरे में आ गई। इस घटना ने भारतीय सरकार के लिए एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया, जिससे भारतीय विदेश मंत्रालय को प्रतिक्रिया देने पर मजबूर होना पड़ा।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “हम लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग की कड़ी निंदा करते हैं। किसी भी प्रकार की हिंसा, उपद्रव, और असहमति को बिना अनुशासन के अभिव्यक्त करना लोकतांत्रिक प्रणाली के सिद्धांतों के खिलाफ है। यह पूरी घटना भारतीय कूटनीति की कार्यशैली और विदेश नीति के महत्व को नजरअंदाज करने का एक प्रयास प्रतीत होती है।”
मंत्रालय ने आगे कहा, “हमने इस मामले को लेकर ब्रिटिश अधिकारियों से संपर्क किया है और इस घटनाक्रम की उचित जांच और कार्रवाई की मांग की है। हम उम्मीद करते हैं कि ब्रिटेन अपने यहां कानून-व्यवस्था बनाए रखने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करने के लिए कदम उठाएगा।”
सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियां
लंदन में हुई इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया है। कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई असावधानी के कारण स्थिति बिगड़ी। इसके अलावा, ऐसी घटनाओं के दौरान भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक प्रमुख चुनौती बन गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वे ब्रिटेन से इस संबंध में जवाब की उम्मीद रखते हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
प्रतिक्रिया और आलोचना
भारतीय राजनेताओं और विभिन्न समुदायों ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है। कई नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों को असंवैधानिक और अव्यवस्थित बताया। उन्होंने कहा कि यदि किसी को सरकार की नीतियों से असहमति है, तो उसे अपने विचार व्यक्त करने का लोकतांत्रिक तरीका अपनाना चाहिए, न कि हिंसा और उपद्रव का सहारा लेना चाहिए।
वहीं, ब्रिटिश अधिकारियों ने भी इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और घटना की जांच शुरू कर दी है। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग ने भी इस मामले को लेकर विरोध जताया है और सुरक्षा चूक पर कार्रवाई की मांग की है।