वोल्टास कंपनी 35 हजार करोड़ निवेश कर वाइट गुड्स बाजार में फिर उतरने को तैयार

कोलकाता । वोल्टास कंपनी 35 हजार करोड़ रुपए निवेश कर वाइट गुड्स बाजार में फिर उतरने को तैयार है। टाटा ग्रुप की कंपनी वोल्टास के चेयरमैन नोएल टाटा की देखरेख में अगस्त में ग्रुप 35,000 करोड़ रुपए के वाइट गुड्स बाजार में प्रवेश करेगा।

ग्रुप के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि इसमें वोल्टास बेको ब्रांड के तहत रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव अवन और डिश वॉशर की बिक्री की जाएगी। टाटा इस बिजनेस में 1,000 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बना रहा है। कंपनी को उम्मीद है कि 2025 तक वह इस सेगमेंट में 10 पर्सेंट मार्केट शेयर हासिल कर लेगी।

टाटा ग्रुप 1998 तक वोल्टास ब्रांड का इस्तेमाल रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और एयर कंडीशनर बेचने के लिए करता था। हालांकि, रिस्ट्रक्चरिंग के बाद कंपनी ने एयर कंडीशनर और कमर्शिअल फ्रीजर के अपने कोर बिजनेस पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। इसने वाइट गुड्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स का डिस्ट्रिब्यूशन, फोर्क लिफ्ट और इंडस्ट्रियल प्रॉडक्ट्स जैसे बिजनस को बंद कर दिया था।

हालांकि, वोल्टास ने 2003 तक एलजी और सैमसंग के लिए रेफ्रिजरेटर के मैन्युफैक्चरिंग कॉन्ट्रैक्ट को जारी रखा था यानी वह उनके लिए फ्रिज बना रही थी। अब नोएल टाटा की देखरेख में कंपनी वाइट गुड्स मार्केट में फिर से एंट्री करने जा रही है। टाटा ने सात साल में इस सेगमेंट की टॉप तीन कंपनियों में शामिल होने का लक्ष्य रखा है।

वोल्टास के जरिये टाटा ग्रुप का अभी एसी मार्केट में दबदबा है। टाटा क्रोमा स्टोर्स चेन से टेलीविजन, स्मार्टफोन और वाइट गुड्स की बिक्री करता है। वाइट गुड्स सेगमेंट में री-एंट्री वोल्टास और तुर्की के आर्सेलिक एएस के एक साल पहले बने जॉइंट वेंचर वोल्टबेक होम अप्लायंस के जरिए होगी।

वोल्टास के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप बख्शी और वोल्टबेक डमेस्टिक अप्लायंस के बोर्ड मेंबर ने कहा कि यह लॉन्च अगस्त से कई फेज में होगा। बख्शी का कहना है कि अक्टूबर के आखिर में फेस्टिव सीजन के दौरान टाटा ग्रुप इस बिजनस को देश भर में फैला लेगा।

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