स्मार्ट सिटी के अगुवा लोगों ने एक ऑनलाइन रोड शो के तहत निवेशकों के लिए अपनी आगामी पीपीपी परियोजनाओं का प्रदर्शन किया
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) और इन्वेस्ट इंडिया की नेशनल इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन एंड फैसिलिटेशन एजेंसी द्वारा स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत पीपीपी अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए आज एक वर्चुअल रोड शो का आयोजन किया गया। यह आयोजन अपने प्रकार का पहला निवेशक रोड शो था जिसने विभिन्न स्मार्ट सिटी के सीईओ को उनके शहरों से निजी निवेशकों और स्टार्ट-अप के लिए सीधे पीपीपी संभावनाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया। उद्घाटन सत्र को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री मनोज जोशी, इन्वेस्ट इंडिया के एमडी एवं सीईओ श्री दीपक बागला और संयुक्त सचिव एवं आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन के मिशन निदेशक श्री कुणाल कुमार ने संबोधित किया। अन्य प्रतिभागियों में स्मार्ट सिटी, निजी क्षेत्र के बुनियादी ढांचा एवं प्रौद्योगिकी कंपनियों और स्टार्टअप के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
रोड शो के दौरान मंत्रालय ने स्मार्ट सिटीज मिशन की प्रगति में निजी क्षेत्र की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। शहरों को स्मार्ट तरीके से विकसित करने के लिए अभिनव समाधानों की आवश्यकता है और निजी क्षेत्र की मदद से मिशन ने 60 से अधिक शहरों में 22,000 करोड़ रुपये की 228 पीपीपी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। निवेशकों को यह भी बताया गया कि निवेश और विकास दोनों के मोर्चे पर 15,000 करोड़ रुपये की 160 से अधिक प्रारंभिक चरण की पीपीपी परियोजनाएं निजी क्षेत्र की भागीदारी से लाभान्वित हो सकती हैं।
इस कार्यक्रम के दैरान दुनिया भर से निरंतर भागीदारी को बेहतर करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया और इन्वेस्ट इंडिया द्वारा विकसित पोर्टल इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड पर मौजूद अवसरों को उजागर किया गया। इसे 195 से अधिक देशों में 35 लाख से अधिक बार देखा गया है। इससे पता चलता है कि स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में वैश्विक निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है।
पीपीपी अवसरों को 10 स्मार्ट सिटी (रांची, नासिक, नागपुर, श्रीनगर, पुणे, ग्वालियर, इंफाल, बिलासपुर, शिवमोग्गा और वारंगल) के सीईओ द्वारा 4 क्षेत्रीय सत्रों- शहरी परिवहन, वाणिज्यिक बुनियादी ढांचा एवं आतिथ्य सेवा, शिक्षा और ऊर्जा- के तहत प्रदर्शित किया गया। इन परियोजनाओं के तहत कवर किए गए क्षेत्रों में बाजार पुनर्विकास, बहु-स्तरीय स्मार्ट पार्किंग, शहरी मोबिलिटी, सौर ऊर्जा उत्पादन, मल्टी-मॉडल परिवहन हब का विकास, शैक्षिक केंद्र की स्थापना आदि शामिल थे।
दर्शकों में स्मार्ट सिटी परिवेश की स्थापित कंपनियों के साथ-साथ तेजी से उभरते इस क्षेत्र में प्रवेश करने की संभावनाएं तलाश रहीं नई संस्थाएं शामिल थीं। इसमें बुनियादी ढांचा एवं प्रौद्योगिकी कंपनियों, स्टार्ट-अप, व्यापार संघों, वित्तीय निवेशकों और बहुपक्षीय एजेंसियां सहित लगभग 100 संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव गतिविधियों के तहत इस रोड शो का आयोजन किया गया। इसके तहत निजी क्षेत्र और स्मार्ट सिटी के बीच मजबूत साझेदारी को प्रोत्साहित करने की कोशिश की गई। भारत सरकार के आधिकारिक खोज प्लेटफॉर्म इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड (आईआईजी) (www.indiainvestmentgrid.gov.in) पर स्मार्ट शहरों में मौजूद तमाम अवसरों को देखा जा सकता है।
‘स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य प्रत्येक शहर के सामाजिक, आर्थिक, भौतिक एवं संस्थागत स्तंभों पर व्यापक कार्य के जरिये आर्थिक विकास को गति देना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। इस मिशन के तहत सरकार ने अपने ‘डिजिटल इंडिया‘ पहल को आगे बढ़ाते हुए नई डिजिटल तकनीकों और समाधानों पर ध्यान केंद्रित किया है। ई-गवर्नेंस, मोबिलिटी, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित कई परियोजनाएं काफी सफल रही हैं और ऐसी कई अन्य परियोजनाओं की परिकल्पना की गई है।‘
–मनोज जोशी, सचिव, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
‘भारत ने स्मार्ट सिटी मिशन सहित बुनियादी ढांचे में मौजूद अवसरों में वैश्विक निवेशकों की जबरदस्त सकारात्मक दिलचस्पी देखी है। नए भारत के विकास की कहानी को आगे बढाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ बेहतर साझेदारी की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।‘
-दीपक बागला, सीईओ, इन्वेस्ट इंडिया
‘स्मार्ट सिटी मिशन निजी क्षेत्र को स्मार्ट विकास समाधान एवं अभिनव वित्त पोषण व्यवस्था के जरिये टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है।‘
–कुणाल कुमार, संयुक्त सचिव एवं मिशन निदेशक, स्मार्ट सिटी मिशन
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