उपराष्ट्रपति ने भारत और अफ्रीका को हिन्द महासागर के आर-पार का पड़ोसी बताया
प्रौद्योगिकी ने व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाकर वास्तव में शासन का लोकतंत्रीकरण किया है-उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति ने यूनेस्को-भारत-अफ्रीका हैकथॉन के समापन सत्र को संबोधित किया
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज भारत और अफ्रीका के बीच सभ्यतागत जुड़ाव और साझा ऐतिहासिक बंधन को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “हम हिन्द महासागर के आर-पार के पड़ोसी हैं।”
उपराष्ट्रपति ने ग्रेटर नोएडा में आज यूनेस्को-भारत-अफ्रीका (यूआईए) हैकथॉन के समापन सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भारत और उसके अफ्रीकी समकक्षों द्वारा पोषित घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है और मानव जाति की बेहतरी के लिए समस्याओं को हल करने के वास्ते उनका एक साथ आना सहयोग की भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह वैश्विक हैकथॉन यह संदेश देता है कि युवा एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए एक साथ आ सकते हैं।”
श्री धनखड़ ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी जी के अफ्रीका के साथ घनिष्ठ संबंध का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम” का हमारा सदियों पुराना सभ्यतागत लोकाचार दुनिया के साथ भारत के संबंधों का मार्गदर्शन करता है और यह आज भी जारी है।
भारत को अवसरों और निवेश के लिए एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य बताते हुए उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि नवाचार आधारित उद्यमिता की एक नई संस्कृति भारत में जड़ें जमा रही है। स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, भारत नेट, पीएम गतिशक्ति मिशन जैसी विभिन्न पहलों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने उद्यमशीलता और नवाचार को फलने-फूलने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए सरकार की सराहना की।
श्री धनखड़ ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाकर वास्तव में शासन का लोकतंत्रीकरण किया है। उन्होंने कहा कि इससे हमें समावेशी और सतत विकास के आदर्श को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, यूनेस्को में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि श्री विशाल शर्मा, सहायक महानिदेशक (पीएएक्स), यूनेस्को श्री फ़िरमिन एडौर्ड माटोको, मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ. अभय जेरे, 13 अफ्रीकी देशों के मंत्री, छात्र और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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