उपराष्ट्रपति ने कतर की अपनी तीन दिवसीय यात्रा शुरू की, कतर के प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की
कतर में 7.8 लाख भारतीयों की उपस्थिति, दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों का प्रमाण है: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय के कल्याण की देखभाल के लिए कतर की सरकार को धन्यवाद दिया
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू अपने तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण में कल कतर पहुंचे। श्री नायडू कतर का दौरा करने वाले भारत के पहले उपराष्ट्रपति हैं। विदेश राज्य मंत्री महामहिम सुल्तान बिन साद अल मुरैखी ने दोहा हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया। इसके बाद होटल में भारतीय समुदाय के लोगों ने उपराष्ट्रपति का शानदार स्वागत किया।
कतर के अमीर के पिता महामहिम शेख हमद बिन खलीफा अल थानी ने रेखांकित किया कि भारत और कतर के बीच आपसी विश्वास और सम्मान पर निर्मित ऐतिहासिक संबंध हैं। इसके अलावा उन्होंने आशा व्यक्त की कि कतर की ओर से भारत में और अधिक निवेश किया जा सकता है और कई औद्योगिक व व्यापारिक घराने कतर के साथ आर्थिक संबंध स्थापित कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति और अमिर के पिता ने इस पर सहमति व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच व्यापार में विविधता लाने, व्यापक ऊर्जा भागीदारी और पारस्परिक रूप से एक लाभकारी निवेश साझेदारी की बहुत बड़ी संभावना है।
उपराष्ट्रपति ने इसकी सराहना की कि मार्च, 2020 से भारत में कतर का निवेश पांच गुना बढ़ गया है। श्री नायडू ने कहा, “यह अभी भी क्षमता से काफी कम है और इसे काफी सीमा तक बढ़ाया जा सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि कतर के साथ साझेदारी बनाने को लेकर निजी भारतीय व्यापार समुदाय में गहरी दिलचस्पी है। उपराष्ट्रपति ने इस क्षेत्र में एक शिक्षा केंद्र के रूप में उभरने के लिए कतर की सराहना की और कई भारतीय विश्वविद्यालयों की ओर से कतर में अपतटीय परिसर खोलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। वहीं, स्वास्थ्य क्षेत्र पर चर्चा के दौरान श्री नायडू ने कतर के स्वास्थ्य क्षेत्र में भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों के उपयोगी योगदान का उल्लेख किया।
दोहा में कतर के प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि लगभग 800 यूएस एफडीए की अनुमोदित विनिर्माण इकाइयों के साथ, भारत ‘विश्व की फार्मेसी’ होने पर गर्व करता है और अमेरिका व यूरोप को बड़ी संख्या में दवाओं की आपूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि भारत को पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में कतर के साथ काम करने में भी प्रसन्नता होगी।
इसका उल्लेख करते हुए कि हमारी लगभग 40 फीसदी गैस जरूरतें कतर से पूरी होती हैं, श्री नायडू ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा में कतर की भूमिका को काफी महत्व देता है और खरीदार-विक्रेता संबंधों से आगे बढ़कर एक व्यापक ऊर्जा साझेदारी में आगे बढ़ने की जरूरत को रेखांकित करता है।
हरित विकास पर भारत के फोकस को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनकी इच्छा है कि कतर इस नई यात्रा में भारत का भागीदार बने।
यह स्वीकार करते हुए कि महामारी ने डिजिटल बदलाव को गति दी है, श्री नायडू ने इस क्षेत्र में भारत के डिजिटल भुगतान जैसी कई उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने रेखांकित किया कि इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
श्री नायडू ने कतर को फीफा विश्व कप- 2022 की मेजबानी और एशियाई खेलों- 2030 के लिए मेजबान राष्ट्र के रूप में चुने जाने पर बधाई दी। उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच अधिक युवा आदान-प्रदान कार्यक्रमों का आह्वाहन किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत, कतर के साथ सदियों पुराने अपने गहरे संबंधों को काफी अधिक महत्व देता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मोती व्यापार और दोऊ (एक प्रकार का पोत) ने गहरा जुड़ाव प्रदान किया, जो आज संस्कृति, व्यंजन और सिनेमा की समानताओं में परिलक्षित होता है।
उपराष्ट्रपति ने 2015 में महामहिम अमीर की भारत की ऐतिहासिक यात्रा और 2016 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कतर यात्रा का उल्लेख किया। श्री नायडू ने कहा कि हमारे संबंध दोनों देशों के नेतृत्व के बीच घनिष्ठ मित्रता से प्रेरित हैं। उन्होंने कतर में 7.8 लाख भारतीयों की देखभाल करने के लिए कतर की सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हमें यह जानकर प्रसन्नता है कि भारतीय यहां जीवन के सभी क्षेत्रों में हैं और कतर की विकास यात्रा के हिस्से बन गए हैं।
इस अवसर पर श्री नायडू ने कतर में एक प्रार्थना कक्ष और एक श्मशान के लिए भारतीय समुदाय के लंबे समय से किए जा रहे अनुरोध को भी दोहराया।
उन्होंने उल्लेख किया कि कतर केवल उच्चतम प्रति व्यक्ति आय वाले देशों में ही नहीं है, बल्कि विश्व में शीर्ष गैस आपूर्तिकर्ता भी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे कतर के अपनी विकास यात्रा में उठाए जा रहे कदमों से बहुत प्रभावित हैं।
इस यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति के साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, संसद सदस्य- श्री सुशील कुमार मोदी, विजय पाल सिंह व पी. रवींद्रनाथ और उपराष्ट्रपति सचिवालय व विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी हैं।
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