न्यूज़ डेस्क : राजस्थान के राजनीतिक संकट के बीच आरोप-प्रत्यारोप और नेताओं की बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अब भाजपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर आरोप लगाया है। बेनीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि वसुंधरा राजे राजस्थान की गहलोत सरकार को बचाने की कोशिश कर रही हैं। बेनीवाल ने राजे पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने इस मामले में कांग्रेस के कई विधायकों को फोन भी किया।
राजस्थान के नागौर से सांसद बेनीवाल ने ‘गहलोत वसुंधरा गठजोड़’ हैशटैग के साथ एक के बाद एक कई ट्वीट किए। इन ट्वीट में उन्होंने लिखा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत और वसुंधरा राजे का गठजोड़ जनता के सामने खुलकर आ गया है। दोनों ने मिलकर एक दूसरे के शासन में दोनों के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला। बेनीवाल ने लिखा, माथुर आयोग प्रकरण, रीको में नियम विरुद्ध सीपी कोठारी को निदेशक बनाने के साथ कई मामलों में गहलोत और पूर्व की राजे सरकार ने लोकायुक्त की सिफारिशों को नकारा।
‘विधायकों को फोन कर राजे ने गहलोत का साथ देने को कहा’
बेनीवाल ने वसुंधरा राजे पर कांग्रेस विधायकों से फोन पर बात करने का आरोप भी लगाया। बेनीवाल ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान कांग्रेस में उनके करीबी विधायकों से फोन पर बात करते उनसे अशोक गहलोत का साथ देने की बात कही। सीकर और नागौर जिले के एक एक जाट विधायक को राजे ने खुद इस मामले में बात करके सचिन पायलच से दूरी बनाने को कहा जिसके हमारे पास पुख्ता प्रमाण हैं।
‘गहलोत सरकार को बचाने की पूरी कोशिश कर रही हैं वसुंधरा राजे’
एक अन्य ट्वीट में बेनीवाल ने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पूरा प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश की जनता वसुंधरा-गहलोत के आंतरिक गठजोड़ की कहानी को समझ चुकी है। बेनीवाल के इन आरोपों से राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल की स्थिति आ गई है।
‘गहलोत ने राजे पर रिश्वत का आरोप लगाया था, जांच क्यों नहीं हुई?’
इसके साथ बेनीवाल ने अपना ही एक पुराना ट्वीट शेयर करते हुए अशोक गहलोत को संबोधति करते हुए लिखा, ‘आपके स्मरण के लिए आपके द्वारा सदन में कही बात याद दिया रहा हूं, पूर्व मुख्यमंत्री राजे पर पांच करोड़ रुपये प्रतिमाह रिश्वत अवैध बजरी के एवज में देने के आरोप आपने लगाए थे। आपने अब तक कोई जांच करवाई? क्या सदन में कही हुई आपकी बात पर किसी एजेंसी ने संज्ञान लिया?’ बेनीवाल ने कहा कि यह दोनों के आपसी तालमेल और आंतरिक गठजोड़ के खेल का बहुत बड़ा उदाहरण है।
सचिन पायलट ने शुरू किया था राजस्थान में राजनीतिक संकट
बता दें कि राजस्थान में गहलोत सरकार तब संकट में आ गई थी जब उप मुख्यमंत्री सचिन गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों के साथ मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। गहलोत और पायलट के संबंधों में कड़वाहट पहले से ही चली आ रही थी। हालांकि, इस मामले में गहलोत ने सरकार के सुरक्षित होने का दावा किया था और पार्टी नेतृत्व ने पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। उनके विश्वस्त मंत्री भी कार्रवाई की जद में आए थे।
सचिन पायलट को लेकर वसुंधरा की चुप्पी से उलझन में है भाजपा
राजस्थान में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भाजपा सचिन पायलट को अपने खेमे में शामिल करने का पूरा जोर लगा रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कुछ बड़े नेता पायलट को खुले तौर पर भाजपा में शामिल होने का न्योता दे चुके हैं। लेकिन इस मामले में वसुंधरा राजे की चुप्पी भाजपा को पेशोपश में डाले हुए है। राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर भी राजे ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बुधवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में भी वह नहीं पहुंची थीं।
ऐसे में वसुंधरा का रुख यही संकेत देता है वह सचिन पायलट को लेकर पार्टी नेतृत्व के रुख से सहमति नहीं रखती हैं। हालांकि, राजे का राजस्थान भाजपा में कद खासा ऊंचा है और ऐसे में पायलट को पार्टी में उनकी मर्जी के खिलाफ लाना राज्य में पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। जानकारी के अनुसार पार्टी इसे लेकर हर पहलू पर विचार कर रही है। वरिष्ठ भाजपा नेता विजय सोनकर शात्री कहते हैं कि सचिन पायलट को पार्टी में लाने से पहले बाजपा को वसुंधरा राजे को विश्वास में लेना होगा।
Comments are closed.