132 साल की सेवा के बाद सेना ने सैन्य फार्म को बंद करने का किया फैसला, ब्रिटिश सेना ने किया थी स्थापित
न्यूज़ डेस्क : सेना ने 132 साल की सेवा के बाद सैन्य फार्म को बंद करने का फैसला किया है। देश में 20 हजार एकड़ भूमि पर सैन्य फार्म फैले हैं और यह अंबाला, कोलकाता, श्रीनगर, आगरा, पठानकोट, लखनऊ, मेरठ, गुवाहाटी और प्रयागराज में प्रमुख सैन्य ठिकानों पर स्थित हैं। ब्रिटिश सेना ने द्वारा पूरे भारत में विभिन्न चौकियों पर तैनात जवानों को स्वच्छ, पौष्टिक व ताजा गाय के दूध की आपूर्ति के लिए इन फार्म को स्थापित किया था।
लेफ्टिनेंट जनरल शशांक मिश्रा ने बुधवार को बताया, पहला फार्म 1 फरवरी, 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में स्थापित किया गया था और 1947 में आजादी तक देश में ऐसे 130 फार्म थे। श्वेत क्रांति शुरू नहीं होने तक यह फार्म हमारे बड़े काम के थे। वर्गीज कुरियन ने 1970 में ऑपरेशन फ्लड शुरू किया।
हालांकि डेयरी फार्मिंग में सैन्य फार्म का बड़ा योगदान रहा है, जिससे सेना को देश के दुर्गम इलाकों में दूध उपलब्ध कराने में मदद मिली। इस शानदार कार्य के लिए सेनाध्यक्ष की ओर से मैं सैन्य फार्म के सदस्यों को बधाई देता हूं। 132 साल बाद आज इन फार्म को बंद किया जा रहा है। यह हम सभी के लिए बड़ा भावुक दिन है। सैन्य फार्म का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता।
राज्यों को सौंपी जाएंगी गायें
लेफ्टिनेंट जनरल मिश्रा ने बताया, फार्म बंद होने के बाद यहां मौजूद गायों को राज्यों को सौंपने की पेशकश की गई है। वहीं यहां काम करने वाले लोगों को अन्य विभागों में शिफ्ट किया जाएगा। सेना का बहुत विस्तार होना है, लिहाजा इस भूमि का सही इस्तेमाल किया जाएगा।
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