न्यूज़ डेस्क : भारत सरकार ने कहा है कि टीकाकरण करने वाले व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि हर वॉयल (शीशी) को खोलने की तारीख और समय नोट करें। सभी वैक्सीन वॉयल को खुलने के चार घंटे के अंदर उपयोग कर लेना चाहिए। इसलिए, वैक्सीन की बर्बादी एक फीसदी या उससे कम होने की उम्मीद बिल्कुल भी अनुचित नहीं है। यह तार्किक है और इसे प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के चक्र को तोड़ने से स्वास्थ्य ढांचे पर कम दबाव सुनिश्चित होता है और इससे सेवाएं बेहतर होती हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीका एक आवश्यक जन स्वास्थ्य वस्तु है जिसकी दुनिया भर में कमी है और इसलिए बर्बादी कम से कम होनी चाहिए जिससे कई लोगों को टीका लगाने में मदद मिलेगी। मीडिया की कुछ खबरों में कहा गया है कि टीके की बरबादी को एक फीसदी से कम रखने पर मंत्रालय द्वारा दिया जा रहा जोर अनुपयुक्त हैं। इन खबरों का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि कई राज्यों ने टीकाकरण अभियान इस तरह चलाया है कि बर्बादी न हो और वे शीशी से अतिरिक्त खुराक भी निकाल सकें।
राज्यों के पास 1.17 करोड़ से अधिक खुराकें अब भी उपलब्ध
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास टीके की 1.17 करोड़ से अधिक खुराकें उपलब्ध हैं जबकि अगले तीन दिन के भीतर उन्हें 38 लाख अधिक खुराकें और दी जाएंगी। अब तक राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को 25.60 करोड़ से अधिक खुराकें दी गई हैं। ये खुराकें उन्हें केंद्र की ओर से निशुल्क और राज्यों द्वारा सीधे खरीद की श्रेणी में दी गई हैं।
मंत्रालय ने बताया कि अब तक टीके की कुल 24 करोड़ 44 लाख छह हजार 96 खुराकों (बर्बाद हुए टीकों समेत) का इस्तेमाल हुआ है। उसने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी टीकों की कुल एक करोड़ 17 लाख 56 हजार 911 खुराकें अब भी मौजूद हैं। इसके अलावा, अगले तीन दिन में और 38 लाख 21 हजार 170 खुराकें उन्हें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
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