न्यूज़ डेस्क : सूत्रों के मुताबिक, एनटीएजीआई ने यह भी कहा है कि जो लोग कोविड-19 से पीड़ित रह चुके हैं और जांच में उनके सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, उन लोगों को स्वस्थ होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए। राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह के सुझाव टीकाकरण को देखने वाले कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को भेजे जाएंगे।
अभी क्या है टीकाकरण का नियम?
वर्तमान के टीकाकरण प्रोटोकॉल के मुताबिक, अभी तक के क्लिनिकल ट्रायल में गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है। अत: उन्हें टीका नहीं लगाया जाना चाहिए। वहीं ऐसे लोग जिन्हें कोविड टीके की पहली खुराक लग चुकी है और दूसरी खुराक लगने से पहले यदि वे संक्रमित हो जाते हैं, तो उन्हें ठीक होने के बाद अगली खुराक लगवाने से पहले चार से आठ हफ्ते इंतजार करना चाहिए।
सरकारी पैनल की इस सिफारिश को कुछ लोग वैक्सीन की किल्लत से भी जोड़कर देख सकते हैं। वैक्सीन की कमी के चलते महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से टीकाकरण प्रभावित हुआ है। कहा जा रहा है कि देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को देखते हुए सरकारी पैनल ने कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने की सिफारिश की है।
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