उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिलते ही केंद्रीय गृह मंत्रालय सक्रिय हो गया था। घटना की भयावह स्थिति के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने हादसे की सूचना मिलने के 30 मिनट के भीतर एयरफोर्स, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के साथ समन्वय स्थापित कर राहत एवं बचाव टीमें चमोली के लिए रवाना कर दी थी।
उन्होंने सबसे पहले आईटीबीपी अधिकारियों से घटना के बारे में बातचीत की थी। आईटीबीपी के जवान ही सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचे थे। अमित शाह का कहना था कि मोदी सरकार इस संकट की घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ खड़ी है।
गृह राज्यमंत्री राय को एनडीआरएफ के कंट्रोल रूम भेजा
बता दें कि रविवार सुबह साढ़े दस बजे जैसे ही यह सूचना आई कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के कारण भारी तबाही मच गई तो केंद्रीय गृह मंत्री सक्रिय हो गए थे। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री नित्यानंद राय को एनडीआरएफ के कंट्रोल रुम में बैठने के लिए कहा। राय ने बिना कोई देरी किए मंत्रालय के कंट्रोल रुम की कमान संभाल ली। वहां पर एनडीआरएफ और दूसरे सुरक्षा बलों के अधिकारी भी मौजूद थे।
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत से बात की
अमित शाह ने सबसे पहले आईटीबीपी के अफसरों से फोन पर बातचीत की। चूंकि जोशीमठ में आईटीबीपी के जवानों की बड़ी संख्या है, इसलिए उन्हें तुरंत घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया गया। उसके बाद दिल्ली से और दूसरी जगहों से भी जवानों को वहां भेजा गया है। शाह ने इसके बाद उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत के साथ बातचीत की है। उन्होंने घटना की विस्तृत जानकारी दी। उसी समय उन्होंने एनडीआरएफ की टीमों को लेकर अफसरों से फोन पर बातचीत की। इसमें सामने आया कि दूसरे सेंटरों से एनडीआरएफ के जवानों को एयरलिफ्ट कर चमोली तक पहुंचाना होगा। शाह ने तुरंत एयरफोर्स से संपर्क कर हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर सेवा मुहैया कराई। शाह ने कहा, वे लगातार इस मामले पर नजर रख रहे हैं।
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