वाशिंगटन । ईरान व उसके सहयोगियों पर आर्थिक दबाव बनाने के मकसद से अमेरिका व छह अरब देशों ने गुरुवार को हिजबुल्ला के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। अमेरिका और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले टेररिस्ट फाइनेंसिंग एंड टारगेटिंग सेंटर (टीएफटीसी) ने ये प्रतिबंध हिजबुल्ला की निर्णय लेने वाली संस्था शूरा परिषद पर लगाए हैं।
लेबनान के इस चरमपंथी शिया संगठन की कमान हसन नसरल्लाह के पास है। नसरल्लाह और संगठन में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले नईम कासिम के अलावा शूरा परिषद के तीन अन्य सदस्यों के नाम भी संयुक्त प्रतिबंधों की सूची में हैं। इन सभी की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है। अब इनके लिए किसी भी प्रकार का वित्तीय लेन-देन कर पाना मुश्किल हो जाएगा।
माना जा रहा है कि इन प्रतिबंधों के चलते ईरान के लिए हिजबुल्ला की वित्तीय मदद करना मुश्किल हो जाएगा। अमेरिका और उसके सहयोगी खाड़ी देश ईरान पर हिजबुल्ला की मदद करने के आरोप लगाते रहे हैं।
टीएफटीसी के छह खाड़ी सदस्य देशों सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात ने हिजबुल्ला से जुड़े नौ अन्य व्यक्तियों और फर्मो पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। यह दूसरा मौका है जब टीएफटीसी ने स्थानीय सुरक्षा का हवाला देकर किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाया है। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में अलकायदा और इस्लामिक स्टेट पर प्रतिबंध का एलान किया गया था।
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