यूपी पुलिस में फिर से शुरू हो सकती आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति

लखनऊ । वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इन दिनों अपने कनिष्ठों के कल्याण से जुड़े मुद्दों का पिटारा तैयार करने में जुटे हैं। ताकि 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी घोषणा कराई जा सके। यह परंपरा रही है कि पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री शहीद पुलिसकर्मियों की पत्नियों व परिवारीजन को सम्मानित करने के साथ ही पुलिस कल्याण से जुड़ी घोषणाएं भी करते रहे हैं। हालांकि तीन वर्षों में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मौके पर पुलिसकर्मियों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की थी। यह वजह भी है कि सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद इस बार पुलिसकर्मियों को नए मुख्यमंत्री से काफी उम्मीदें हैं। इस बार मुख्यमंत्री आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति की घोषणा भी कर सकते हैं।

पुलिस स्मृति दिवस परेड की तैयारियों की बैठक संपन्न हो चुकी है। इसे लेकर जमीनी स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। वहीं वरिष्ठ अधिकारी पुलिसकर्मियों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर विचार कर रहे हैं। बताया गया कि पीएसी की किसी टुकड़ी को उसके बेस कैंप से जब किसी स्थान पर तैनात किया जाता है तो जवानों को पहले तीस दिन प्रतिदिन के हिसाब से विशेष डीए का भुगतान होता है। 30 दिन के बाद अगले 15 दिनों तक आधे डीए का भुगतान होता है। यही कारण है कि एक स्थान पर 30 दिन तक ड्यूटी करने के बाद पीएसी के जवान अपनी ड्यूटी बदलवाने के लिए भागदौड़ शुरू कर देते हैं।

पीएसी की कंपनी के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के दौरान भी काफी खर्च होता है। ऐसे में अधिकारी विचार कर रहे हैं कि पीएसी जवानों को मिलने वाले डीए को साल भर एक समान दर से भुगतान करने की व्यवस्था लागू कराई जाए। इसके लिए एक मानक तय कर दिया जाए। ताकि जवानों को आर्थिक नुकसान न हो और उन्हें कैंप से बाहर ड्यूटी के दौरान प्रतिदिन एक दर से भत्ते का भुगतान किया जा सके। इसे लेकर अधिकारी गुणा-गणित में जुटे हैं। ताकि फाइनल फार्मूला बनने पर 21 अक्टूबर को उसकी घोषणा मुख्यमंत्री से कराई जा सके। ऐसे ही पुलिसकर्मियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन प्रणाली को लेकर भी मंथन चल रहा है। उसकी कानूनी अड़चनों को भी देखा जा रहा है।

ध्यान रहे, गत दिनों डीजीपी सुलखान सिंह के निर्देश पर प्रदेश पुलिस ने बदमाशों पर शिकंजा कसने की खास मुहिम शुरू की थी। इस दौरान पुलिस ने अब तक 22 से अधिक बदमाशों को मार गिराया है। जबकि कई कुख्यात बदमाश मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किए गए। ऐसे में पुलिसकर्मियों को बहादुरी के बदले आउट आफ टर्न प्रमोशन की प्रणाली उनके मनोबल को और बढ़ा सकती है। सूत्रों के मुताबिक गैलेंट्री मेडल के तहत मिलने वाली सुविधाएं बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है। ऐसे ही पुलिस कल्याण के अन्य मुद्दों पर भी अधिकारी मंथन में जुटे हैं।

News Source: jagran.com

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