उन्होंने कोल इंडिया लिमिटेड से मौजूदा तथा अगले वित्तीय वर्षों के लिए उत्पादन लक्ष्य हासिल करने का आग्रह किया
केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कोयला उत्पादन और आपूर्ति को और बढ़ाने के संदर्भ में नवीनतम आईटी समर्थित प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के साथ-साथ इसका निरंतर और कुशल तरीके से कार्यान्वयन करना कुल मिलाकर महत्वपूर्ण है। श्री प्रह्लाद जोशी ने कल यहां एक समारोह में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के उद्यम संसाधन योजना (ईआरपी) प्रणाली कार्यान्वयन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में जनधन खाता के शुभारंभ के लिए केंद्र द्वारा आईटी उपकरणों के प्रभावी उपयोग के बारे में चर्चा की। श्री जोशी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पारदर्शिता सुनिश्चित होने के साथ-साथ भ्रष्टाचार में भी कमी हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला खदानों की व्यावसायिक नीलामी के तहत अब तक 42 कोयला ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। उन्होंने राष्ट्र को निरंतर कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करके हाल की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए सीआईएल की सराहना की। उन्होंने सीआईएल से मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के लिए निर्धारित कोयला उत्पादन लक्ष्य हासिल करने का आग्रह किया।
श्री जोशी ने शुरू की गई ईआरपी प्रणाली के अनूठे फायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य सीआईएल को ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक इकाई के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि ईआरपी से सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों में सर्वोत्तम व्यावसायिक तौर-तरीके स्थापित होने के साथ-साथ व्यावसायिक प्रक्रियाओं का मानकीकरण और एकीकरण हो सकेगा। श्री जोशी ने कहा कि कोल इंडिया में ईआरपी के कार्यान्वयन से डिजिटल और न्यू इंडिया की दिशा में सरकार के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर श्री जोशी ने कोयला, खान और रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे और कोयला सचिव डा. अनिल कुमार जैन के साथ “फ्यूलिंग इंडियाज एनर्जी नीड्स” नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी, सीआईएल के सतत प्रयासों की कहानी शामिल है।
ईआरपी सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का एक महत्वपूर्ण औजार है, जो सीआईएल को डेटा जोड़ने और लागत में कमी लाने के साथ अपने व्यावसायिक निष्पादन और विकास में सुधार करने में मदद करेगा। इससे देश की इस खनिक इकाई को एक वैश्विक इकाई के रूप में विकसित होने में मदद मिलेगी। सीआईएल में एसएपी ईआरपी में सात मॉड्यूल शामिल हैं जैसे मानव पूंजी प्रबंधन (एचसीएम), बिक्री तथा वितरण (एसडी), उत्पादन एवं योजना (पीपी), संयंत्र रखरखाव (पीएम), परियोजना प्रणाली (पीएस), सामग्री प्रबंधन (एमएम) और वित्त तथा नियंत्रण (एफआईसीओ)।
कोल इंडिया में ईआरपी को दो चरणों में लागू किया गया है। पहले चरण में, इसे सीआईएल मुख्यालय और दो सहायक डब्ल्यूसीएल और एमसीएल में लागू किया गया था, चरण II का कार्यान्वयन शेष छह सहायक कंपनियों एसईसीएल, एनसीएल, सीसीएल, ईसीएल, बीसीसीएल और सीएमपीडीआई में किया गया था। मेसर्स टेक महिंद्रा फेज-I के लिए इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर था, जबकि फेज-II के लिए मेसर्स एक्सेंचर इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर है। यह परियोजना 51 महीने में चालू होने वाली थी, जबकि इसे 14.5 महीने पहले पूरा किया जा चुका है।
कोयला मंत्रालय के सचिव डा. अनिल कुमार जैन, कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल तथा मंत्रालय एवं सीआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने कोल इंडिया में ईआरपी कार्यान्वयन के लिए आयोजित समारोह में भाग लिया।
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