केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नागालैंड में आयुष स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक राशि के निवेश की घोषणा की
- कोहिमा में एक एकीकृत आयुष अस्पताल का उद्घाटन किया गया
- किहपिरे, मोकोकचुंग, नागालैंड विश्वविद्यालय दीमापुर और वोखा में चार एकीकृत आयुष अस्पताल विकसित किए जाएंगे
- लोंगलेंग में 70 करोड़ रुपए की राशि से एक आयुर्वेदिक कॉलेज विकसित किया जाएगा
केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज नागालैंड में आयुष स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक के बड़े निवेश की घोषणा की। इस आवंटित राशि से राज्य में 30 बिस्तरों वाला एक आयुष अस्पताल और 10 बिस्तरों वाले तीन अस्पताल के साथ एक आयुर्वेदिक कॉलेज भी विकसित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने आज कोहिमा के रज़ा चेडेमा में एक एकीकृत आयुष अस्पताल का भी उद्घाटन किया। 30 बिस्तरों वाले आयुष अस्पतालों को किहपिरे में विकसित किया जाएगा, जबकि 10 बिस्तरों वाले एक-एक आयुष अस्पताल को मोकोकचुंग, नागालैंड विश्वविद्यालय दीमापुर और वोखा में विकसित किया जाएगा। इस क्षेत्र में आयुष में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय मंत्री ने लोंगलेंग में एक अत्याधुनिक आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की। इस महाविद्यालय को 70 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री सोनोवाल ने कहा कि पूर्वोत्तर में आयुष क्षेत्र का विशाल केंद्र बनने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि लोक चिकित्सा में हमारे समृद्ध पारंपरिक ज्ञान और वनस्पतियों की प्रचुरता के साथ, हम भारत के लोगों के साथ-साथ हमारे पड़ोसी देशों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण के समाधान प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “यह हमें आर्थिक मज़बूती देगा और हमारे समुदाय के लोगों के लिए बीमारी के उपचार का लाभ भी मिलेगा।”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मंत्रालय ने नागालैंड और मिजोरम में 172 करोड़ रुपये के निवेश से आयुष के विकास की दिशा में एक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों में दस नए आयुष अस्पताल और एक आयुर्वेदिक कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
इस क्षेत्र में लोक चिकित्सा के संरक्षण और सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय आयुष मंत्री ने कहा, “लोक चिकित्सा सीखने और लाभ उठाने के लिए, आयुष मंत्रालय स्थानीय स्वास्थ्य का गंभीर मूल्यांकन और सत्यापन करने के लिए पूर्वोत्तर के जातीय समुदायों के बीच परंपराएं (एलएचटी), मौखिक स्वास्थ्य परंपराएं (ओएचटी) और एथनो औषधीय व्यवहार (ईएमपी) में एक बहु केंद्रित अनुसंधान परियोजना का संचालन कर रहा है।
इस बैठक में नागालैंड सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, एस पांगन्यू फोम और नागालैंड सरकार के शहरी विकास और नगर मामलों के मंत्री, डॉ. नीकीसाली किरे के साथ नागालैंड सरकार और आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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