केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर), श्री जी किशन रेड्डी ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कोविड-19 स्थिति की तैयारियों की निगरानी करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की


बैठक के दौरान 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के नौजवानों का पूर्ण टीकाकरण करने सहित विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई

मंत्री ने उत्तर पूर्वी राज्यों में स्वास्थ्य अवसंरचना का निर्माण करने के लिए एनईएसआईडीएस योजना के अंतर्गत राज्यों को आवंटित करने के बाद भी बची हुई शेष राशि का उपयोग करने की सलाह दी

श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि डोनर मंत्रालय कोविड-19 से संबंधित अवसंरचना को बढ़ावा देने और बढ़ोत्तरी करने की दिशा में सक्रिय कदम उठा रहा है

मुख्य बातें

  • केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर), श्री जी किशन रेड्डी की अध्यक्षता में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के 8 राज्यों में कोविड-19 की स्थिति को तैयारियों की निगरानी करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया।
  • केंद्रीय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने राज्यों से आग्रह किया कि वे भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए एसओपी के अनुसार सभी कोविड प्रोटोकॉल विशेष रूप से आरटी-पीसीआर परीक्षणों की तेजी से बढ़ाने, गैर गंभीर मामलों के लिए होम आइसोलेशन प्रदान करने और टेलीकंसल्टेशन प्लेटफॉर्म प्रदान करने के साथ-साथ ई-संजीवनी के माध्यम से नियमित रूप से निगरानी करने के लिए पर अपना ध्यान केंद्रित करें,
  • मंत्री द्वारा राज्यों से शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए अपना प्रयास जारी करने का भी आह्वान किया गया और राज्यों से यह सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया गया कि वे 15-18 आयु वर्ग के नौजवानों के लिए एहतियाती खुराक और टीकाकरण को मिशन मोड पर लेकर सामने आएं।
  • केंद्रीय मंत्री ने उत्तर पूर्वी राज्यों को सलाह दिया कि वे राज्यों में स्वास्थ्य अवसंरचना का निर्माण करने के लिए एनईएसआईडीएस योजना और आपातकालीन कोविड रिस्पांस पैकेज (ईसीआरपी-फेज-2) के अंतर्गत राज्यों को आवंटित की गई लेकिन बची हुई शेष राशि का उपयोग करें।

 

केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, श्री जी किशन रेड्डी की अध्यक्षता में आज एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर पूर्वी क्षेत्र के आठ राज्यों (एनईआर) में कोविड-19 की स्थिति के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की गई।

 

इस बैठक में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के 8 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल हुए। इसमें डोनर मंत्रालय के सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के संयुक्त सचिव और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ-साथ दोनों मंत्रालयों और उनके संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित हुए।

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श्री जी किशन रेड्डी द्वारा सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से चिकित्सा और स्वास्थ्य अवसंरचना का विकास करने, दवाओं की खरीद करने, मास्क, पीपीई किट और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि जैसे कोविड-19 के लिए विशिष्ट आवश्यक चीजों की खरीद करने का आह्वान किया गया। उन्होंने राज्यों से ओमीक्रॉन वैरिएंट के कारण तीसरी लहर के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए मीडिया और संचार के सभी माध्यमों का इस्तेमाल करने का भी आग्रह किया।

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मंत्री ने राज्य के अधिकारियों से कहा कि उनके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोविड-19 के सभी विशिष्ट प्रोटोकॉल का पालन किया जाए और भारत सरकार द्वारा जारी किए गए एसओपी के अनुसार गैर-महत्वपूर्ण मामलों में नियमित आरटी-पीसीआर परीक्षण और होम आइसोलेशन पर बल दिया जाए। मंत्री ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र के सभी 8 राज्यों से यह भी अनुरोध किया कि वे जिला स्तर पर टेलीकंसल्टेशन प्लेटफार्म, ई-संजीवनी को अपनाएं जिसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सके कि होम आइसोलेशन के अंतर्गत सभी संक्रमित लोगों को नियमित स्वास्थ्य देखभाल और निगरानी की सुविधा प्राप्त हो सके और यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास अनिवार्य और चिकित्सा किट की आपूर्ति हो सके। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने सख्ती से लागू करने वाले उपायों और व्यापक परीक्षण और संपर्क ट्रेसिंग वाले उपायों के बारे में भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी आवश्यक हो, सूक्ष्म नियंत्रण क्षेत्रों के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार और प्रबंधन का पालन करने की दिशा में सभी प्रकार के उपायों को किया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव, श्री लव अग्रवाल ने भी राज्यों के लिए विशिष्ट अवलोकन प्रस्तुत किया और अलग-अलग राज्यों से अनुरोध किया कि वे संबंधित राज्यों के लिए जारी किए गए विशिष्ट समस्याओं के आधार पर उन्हें प्राथमिकताएं प्रदान करें। बैठक के दौरान राज्यों द्वारा निगरानी और रोकथाम तंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों, कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के मानदंडों को लागू करने के लिए किए गए उपायों, ओमीक्रॉन वैरिएंट का परीक्षण, आवश्यक दवाओं के बफर स्टॉक की स्थिति, बिस्तरों की संख्या (सामान्य, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर) और ऑक्सीजन आपूर्ति उपकरणों की कार्यक्षमता पर संक्षिप्त प्रस्तुतियां प्रदान की गई।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के लिए कोविड-19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में की जा रही प्रमुख पहलों और कार्यक्रमों को भी साझा किया गया। बैठक के दौरान की गई चर्चाओं के कुछ प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:

  • 15-18 वर्ष की आबादी का पूर्ण टीकाकरण
  • अस्पताल/पीएचसी में कोविड सुविधाओं के साथ अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था
  • राज्य स्तर पर निगरानी
  • वास्तविक समय के आधार पर कोविड मामलों की रिपोर्टिंग
  • राज्य सरकारों द्वाराअतिरिक्त फंड/टीकों का अनुरोध

 

केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और डोनर मंत्री, जी किशन रेड्डी ने राज्यों और स्थानीय सरकारों को कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न स्तरों पर मिलकर काम करने का आग्रह किया। मंत्री ने यह भी कहा कि गृह मंत्री के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसका गठन राज्यों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने की दिशा में सामंजस्य स्थापित करने और सहयोगात्मक स्वरूप प्रदान करने के लिए किया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने उत्तर पूर्वी राज्यों को सलाह दिया कि वे राज्यों में स्वास्थ्य अवसंरचना का निर्माण करने के लिए एनईएसआईडीएस योजना और आपातकालीन कोविड रिस्पांस पैकेज (ईसीआरपी-फेज-2) के अंतर्गत राज्यों को आवंटित की गई बची हुई शेष राशि का उपयोग करें। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उत्तर पूर्वी राज्यों को कोविड-19 से निपटने के लिए जारी किए गए धन का उपयोग अन्य चिकित्सा सेटअप आदि की स्थापना करने के साथ-साथ फील्ड अस्पतालों और ऑक्सीजन समर्थित बिस्तरों की स्थापना करके वाले चिकित्सा अवसंरचना को बढ़ाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर किया जा सकता है।

मंत्री ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कोविड-19 की स्थिति का निगरानी करने के लिए समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश जारी किया और राज्य के विशिष्ट मुद्दों का शीघ्र निवारण करने के लिए उन्हें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ साझा करने की बात भी कही। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि उत्तर पूर्वी के सभी राज्यों के पास वर्तमान समय में पर्याप्त बिस्तर क्षमताएं और ऑक्सीजन का स्टॉक मौजूद है और उन्होंने कोविड संबंधित अवसंरचना और महामारी की इस लहर से मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र में सभी प्रकार की आवश्यक सहायता और संवर्धन उपलब्ध करने की दिशा में सक्रिय रूप से कदम उठाने के लिए डोनर और उत्तर पूर्वी परिषद के प्रयासों की सरहना भी की।

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