केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार 12 फरवरी को ‘स्माइल’ योजना का शुभारंभ करेंगे


योजना ट्रांसजेंडर समुदाय और भीख मांगने के कार्य में लगे लोगों के लिए कल्याणकारी कार्य करने के लिए डिज़ाइन की गई है

योजना उन अधिकारों को मजबूती और विस्तार प्रदान करती है जो इस लक्षित समूह को जरूरी कानूनी सुरक्षा और सुरक्षित जीवन का भरोसा प्रदान करते हैं

स्माइल योजना के दो भाग हैं- ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण हेतु व्यापक पुनर्वास के लिए केंद्रीय क्षेत्रक योजना’ और ‘भीख मांगने के कार्य में लगे लोगों के व्यापक पुनर्वास के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना’

मंत्रालय ने इस योजना के तहत 2021-22 से 2025-26 तक के लिए 365 करोड़ रुपये आवंटित किए

दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद जैसे 10 शहरों में व्यापक पुनर्वास की पायलट परियोजनाएं शुरू

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार 12 फरवरी 2022 को नई दिल्ली में 15, जनपथ रोड स्थित डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर के भीम ऑडिटोरियम में केंद्रीय क्षेत्रक योजना “स्माइल: सपोर्ट फॉर मार्जिनलाइज्ड इंडीविजुअल्स फॉर लाइवलीहुड एंड इंटरप्राइज” का शुभारंभ करेंगे। इस योजना का मकसद हाशिए पर खड़े व्यक्तियों को आजीविका और उद्यम के रूप में मदद करना है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के तत्वावधान में इस योजना से ट्रांसजेंडर समुदाय और भीख मांगने के कार्य में लगे लोगों के लिए कल्याणकारी कार्य किए जाएंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री ए. नारायणस्वामी और सुश्री प्रतिमा भौमिक भी मौजूद रहेंगी।

स्माइल योजना के दो भाग हैं। पहला- ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण हेतु व्यापक पुनर्वास के लिए केंद्रीय क्षेत्रक योजना’ और दूसरा- ‘भीख मांगने के कार्य में लगे लोगों के व्यापक पुनर्वास के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना’।

स्माइल योजना उन अधिकारों को मजबूती और विस्तार प्रदान करती है जो इस लक्षित समूह को जरूरी कानूनी सुरक्षा और सुरक्षित जीवन का भरोसा प्रदान करते हैं। यह योजना उस सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखती है जिसकी जरूरत पहचान, चिकित्सा देखभाल, शिक्षा, व्यावसायिक अवसरों और आश्रय के कई आयामों के माध्यम से होती है। मंत्रालय ने 2021-22 से 2025-26 तक के लिए इस योजना को 365 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

उप-योजना- ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास के लिए केंद्रीय क्षेत्रक योजना’ में ये खास बिंदु शामिल हैं-

  • ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए छात्रवृत्ति: अपनी शिक्षा पूरी करने में सक्षम बनाने के लिए नौंवी से स्नातकोत्तर तक के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति।
  • कौशल विकास और आजीविका: विभाग की ‘पीएम-दक्ष’ योजना के तहत कौशल विकास और आजीविका।
  • समग्र चिकित्सा देखभाल: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) योजना के तहत चयनित अस्पतालों से जेंडर-रीअफर्मेशन सर्जरी का के लिए एक व्यापक पैकेज।
  • गरिमा गृह‘ के रूप में आवास: ‘गरिमा गृह’ के नाम से आश्रय गृह जहां भोजन, वस्त्र, मनोरंजन सुविधाएं, कौशल विकास के अवसर, और चिकित्सा सहायता आदि प्रदान की जाएंगी।
  • ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन सेल का प्रावधान: अपराधों के मामलों की निगरानी और समय पर पंजीकरण, जांच और अपराधों के अभियोजन को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राज्य में ट्रांसजेंडर रांसजेंडर प्रोटेक्शन सेल बनाना।
  • ई-सेवाएं (राष्ट्रीय पोर्टल और हेल्पलाइन और विज्ञापन) और अन्य कल्याणकारी कदम

 ‘भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों का व्यापक पुनर्वास‘ उप-योजना का ध्येय-

  • सर्वेक्षण और पहचान: लाभार्थियों का सर्वेक्षण और पहचान कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
  • प्रेरित करना: भीख मांगने वाले व्यक्तियों को आश्रय गृहों में उपलब्ध सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जायेगा।
  • बचाव/आश्रय गृह: आश्रय गृह भीख मांगने के कार्य में लगे बच्चों और भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों के बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा प्रदान करेंगे।
  • व्यापक पुनर्वास

 

इसके अतिरिक्त,

  • क्षमता, सामर्थ्य और वांछनीयता प्राप्त करने के लिए कौशल विकास/व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि वे स्वरोजगार में लगकर गरिमापूर्ण जीवन जी सकें।
  • दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद जैसे व्यापक पुनर्वास इंटरसिटी पर पायलट परियोजनाएं शुरू की गईं।

खास बात यह कि इन उप-योजनाओं को मंत्रालय में बनी नेशनल कोर्डिनेटर्स की एक टीम द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। नेशनल कोर्डिनेटर की योग्यताएं, पारिश्रमिक, शक्तियां और कार्य और लाइन ऑफ कमांड सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा तय अनुसार होंगी। इसके अलावा, परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) या सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नियुक्त किसी अन्य एजेंसी/इकाई सहित मंत्रालय द्वारा नियमित अंतराल पर इसके घटकों की निगरानी की जाएगी।

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