केंद्रीय मंत्री ने अगुआड़ा किला, सी कैथेड्रल और कुर्दी महादेव मंदिर में आगंतुकों की सुविधा के लिए विकासात्मक कार्यों का शिलान्यास किया

केंद्रीय मंत्री ने अगुआड़ा किला, सी कैथेड्रल और कुर्दी महादेव मंदिर में आगंतुकों की सुविधा के लिए विकासात्मक कार्यों का शिलान्यास किया

कोविड काल के बाद सफल कोविड टीकाकरण परियोजना की वजह से पर्यटन क्षेत्र को नया जीवन प्राप्त हुआ है: केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने आज उत्तरी गोवा स्थित कैंडोलिम के ऊपरी अगुआड़ा किले में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में कैंडोलिम में फोर्ट अगुआड़ा, पुराने गोवा में सी कैथेड्रल और कुर्दी में महादेव मंदिर में विकासात्मक कार्यों, आगंतुकों की सुविधाओं और प्रकाश व्यवस्था से संबंधित कार्यों का शिलान्यास किया।

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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पर्यवेक्षण में राष्ट्रीय संस्कृति कोष के साथ इंडियन ऑयल फाउंडेशन इन विकासात्मक कार्यों को पूरा कर रही है। एएसआई गोवा परिक्षेत्र के तहत इन स्थानों पर पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इन सुविधाओं में पार्किंग, शौचालय प्रखंड, पेयजल की सुविधा, आगंतुकों की आवाजाही के लिए मार्ग, लैंडस्कैपिंग (भूदृश्य निर्माण), सिट-आउट्स व मंडप, विद्युतीकरण और निर्देशक संकेतक बोर्ड आदि शामिल हैं।

 

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श्री जी किशन रेड्डी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक संयोग है कि गोवा अपनी मुक्ति के 60वीं वर्षगांठ मना रहा है, वहीं भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने आगे कहा, “कोविड-19 ने पर्यटन क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया था। पर्यटन पर निर्भरता के चलते भारत में सबसे अधिक प्रभावित राज्य गोवा था। महामारी की वजह से गोवा जिस संकट का सामना कर रहा है, उससे बाहर निकलने के लिए केंद्र सरकार, गोवा सरकार और गोवा के लोगों के साथ खड़ी होगी।” केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत सरकार गोवा को एक विश्व पर्यटन स्थल बनाने के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहायता देगी।

 

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मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की सफल टीकाकरण नीति ने पर्यटन क्षेत्र को सामान्य स्थिति में लाने में सहायता की है। उन्होंने कहा, “टीकाकरण अभियान के सफल होने से ही पर्यटन क्षेत्र सामान्य हो पाया है। गोवा आने वाले सभी पर्यटक को टीका लगवा चुके हैं। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की वजह से ही संभव हुआ है।” इसके अलावा मंत्री ने राज्य सरकार के विभागों से पर्यटन स्थलों पर विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध भी किया।

 

 

 

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उन्होंने कहा, “आज छह एएसआई स्थलों पर काम किया जा रहा है। हम और अधिक स्थलों पर काम शुरू कर सकते हैं और गोवा को एक विश्व पर्यटन स्थल बनने में सहायता कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने इसके आगे इनमें शामिल सभी विभागों से कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया।

वहीं, राज्य को दिए गए सभी सहायता के लिए गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने अपने एक वीडियो संदेश में केंद्र सरकार व पर्यटन और संस्कृति मंत्री को धन्यवाद दिया।

इसके अलावा केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने भी अपने एक वीडियो संदेश में गोवा के तीन एएसआई स्थलों पर विकास कार्यों को शुरू करने के लिए इंडियन ऑयल फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया।

केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, इसलिए राज्य में पर्यटन स्थलों पर कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय मंत्री से गोवा में पर्यटन के विकास के लिए हर संभव सहायता देने का भी अनुरोध किया।

इस समारोह में गोवा के पत्तन व ग्रामीण विकास मंत्री श्री माइकल लोबो, जीटीडीसी के अध्यक्ष श्री दयानंद सोपटे, इंडियन ऑयल कारपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विनय मिश्रा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय निदेशक (दक्षिण) डॉ. जी माहेश्वरी और भारत पर्यटन, जीटीडीसी व एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

राष्ट्रीय संस्कृति कोष हमारे देश की समृद्ध व विभिन्न अमूर्त विरासत के संरक्षण के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में भागीदारी व सहयोग को प्रोत्साहित और आमंत्रित करता है। इन तीन परियोजनाओं के लिए इंडियन ऑयल फाउंडेशन (आईओएफ) की ओर से वित्त पोषण किया जा रहा है।

इस गौरवशाली अतीत की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने के उद्देश्य से इंडियन ऑयल ने 24 अगस्त, 2000 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय संस्कृति कोष के सहयोग से एक गैर-लाभकारी न्यास (ट्रस्ट) इंडियन ऑयल फाउंडेशन (आईओएफ) की स्थापना की। विशेष रूप से इंडियन ऑयल की ओर से वित्त पोषित इस फाउंडेशन का लक्ष्य पर्यटक संबंधित बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के विरासत स्थलों को गोद लेना है।

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