केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा – एनडीएमए और आईएमडी हीट एक्शन प्लान को विकसित करने के लिए 23 राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) हीट एक्शन प्लान को विकसित करने के लिए 23 राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
आज राज्यसभा में पशुधन पर हीट वेव के प्रभाव पर पुछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, डॉ. सिंह ने कहा कि हीट-वेव की स्थिति के लिए उच्च तापमान वाले राज्यों में हीट एक्शन प्लान विकसित किया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अध्ययनों के अनुसार, हीट वेव के कारण उत्पन्न तनाव श्वसन और मृत्यु दर को बढ़ावा देता है, प्रजनन क्षमता में कमी लाता है, पशु व्यवहार को परिवर्तित करता है, और प्रतिरक्षा और अंतःस्रावी तंत्र को अवरुद्ध करता है, जिससे कुछ बीमारियों के लिए जानवरों की संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हीट एक्शन प्लान एक व्यापक पूर्व चेतावनी प्रणाली है और भीषण गर्मी के लिए तैयारी करने की योजना है। यह योजना असुरक्षित आबादी पर अत्यधिक गर्मी के स्वास्थ्य कुप्रभावों में कमी लाने की तैयारी, सूचना का साझाकरण और प्रतिक्रिया समन्वय को बढ़ावा देने के लिए तत्काल और दीर्घकालिक उपाय प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि अनुकूल उपायों के रूप में, आईएमडी ने स्थानीय स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से देश के कई हिस्सों में हीट एक्शन प्लान की शुरूआत की है, जिससे हीट वेव के बारे में चेतावनी प्रदान की जा सके और ऐसे अवसरों पर कार्रवाई करने की सलाह दी जा सके। ज्ञातव्य है कि हीट एक्शन प्लान की शुरुआत 2013 में हुई थी।
आईएमडी हीट वेव लिए पूर्व चेतावनी जारी करता है, जो कि मौसम की गंभीर घटनाओं में से एक है। हीट वेव के कारण देश में अप्रैल, मई और जून में अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी होती है और साथ ही साथ लू की लहरें भी चलती है। एक पहल के रूप में, आईएमडी मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर अप्रैल, मई और जून के लिए तापमान का पूर्वावलोकन जारी करता है। इस दृष्टिकोण के माध्यम से आईएमडी इस अवधि के दौरान हीट वेव के अपेक्षित परिदृश्यों के बारे में बताता है।
मौसमी आउटलुक के बाद अगले दो हफ्तों के लिए प्रत्येक गुरुवार को विस्तृत आउटलुक जारी किया जाता है। इसके अलावा, अगले पांच दिनों के लिए दैनिक आधार पर लू की चेतावनी सहित गंभीर मौसम के लिए पूर्वानुमान और रंग कोडित चेतावनियां भी जारी की जाती हैं।
आईएमडी दैनिक गतिविधियों की योजना बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए सुबह 8 बजे गर्मी की लहर पर एक अतिरिक्त बुलेटिन जारी करता है, जिसे 24 घंटे के लिए वैध माना जाता है और यह बुलेटिन सभी संबंधित जगहों पर भी प्रेषित किया जाता है। इन सभी बुलेटिनों को आईएमडी की वेबसाइट पर भी हीटवेव्स वाले एक विशेष पृष्ठ पर पोस्ट किया जाता है।
हीट वेव पूर्वानुमान और चेतावनी में हाल में शामिल की गई प्रगति निम्न प्रकार है:-
- जीआईएस पर हीट वेव की निगरानी और पूर्वानुमान की जानकारी प्रदान करना,
- न्यूनतम तापमान, आर्द्रता और हवा के प्रभाव को शामिल करते हुए शाम 4 बजे आईएसटी पर विशेष हीट वेव और इसके प्रभाव पर बुलेटिन (मार्च से लेकर जून तक) जारी करना,
- अधिकतम और न्यूनतम तापमान को ध्यान में रखते हुए चार गर्म महीनों (मार्च, अप्रैल, मई और जून) के लिए पूरे देश में हीट वेव के जोखिमों का विश्लेषण करना।
तापमान, आर्द्रता, हवा और अवधि की जानकारी रखते हुए कठोर मौसम संबंधी मापदंडों के आधार पर खतरे के स्तर की पहचान की जा सकेगी, जो हीट वेव के प्रभाव में बढ़ोत्तरी करती है। इन आंकड़ों को भविष्य में विशिष्ट स्थानों के लिए हीट वेव प्रभाव-आधारित अलर्ट जारी करने में उपयोग किया जा सकता है।
हीट वेव की सूचना के लिए वेब-पेज लिंक-https://internal.imd.gov.in/pages/heatwave_mausam.php
हाल ही में आईएमडी ने वेब आधारित ऑनलाइन “क्लाइमेट हैजार्ड एंड वल्नरेबिलिटी एटलस ऑफ इंडिया” को प्रकाशित किया है, जिसे 13 सबसे खतरनाक मौसम संबंधी घटनाओं के लिए तैयार किया गया है, जो व्यापक नुकसान, आर्थिक, मानव और पशु नुकसान के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसे https://imdpune.gov.in/hazardatlas/abouthazard.html पर प्राप्त किया जा सकता है। जलवायु जोखिम और भेद्यता एटलस राज्य सरकार के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को विभिन्न समय की मौसमी घटनाओं से निपटने के लिए योजना बनाने और उचित कार्रवाई करने में सहायता प्रदान करेगा। यह एटलस हीट वेव सहित विभिन्न कठोर मौसम की घटनाओं के लिए प्रभाव-आधारित पूर्वानुमान जारी करने के लिए आईएमडी के संकेत के रूप में काम करता है।
Comments are closed.