केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवा आईएएस अधिकारियों को 2047 में उनकी निर्धारित भूमिका की याद दिलाई, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का उत्सव मना रहा होगा

सहायक सचिवों के 2020 बैच के साथ बातचीत करते हुए, मंत्री ने प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग करने का आह्वान किया जिससे सार्थक आदान-प्रदान और राष्ट्रीय शासन में स्पष्ट सुधार लाया जा सके

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में सहायक सचिवों के लिए अनिवार्य कार्यकाल शुरू किया गया और इस पहल से भारत सरकार को बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त हुआ है

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2020 बैच के युवा आईएएस अधिकारियों, जो अपने संबंधित राज्य कैडरों में जाने से पहले केंद्र सरकार में सहायक सचिवों के रूप में अपने तीन माह का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, को संबोधित करते हुए 2047 में उनकी निर्धारित भूमिका की याद दिलाई, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का उत्सव मना रहा होगा। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र की वजह से ही केवल उनको ही यह अवसर और विशेषाधिकार प्राप्त होगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को नागरिक केंद्रित बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम राष्ट्रीय शासन में सार्थक आदान-प्रदान और स्पष्ट सुधार लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि आज का नागरिक नीति निर्माण और नीति कार्यान्वयन की प्रक्रियाओं में अपनी बातें रखने की इच्छा रखता है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में सहायक सचिवों के अनिवार्य कार्यकाल की पहल को 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर शुरू किया गया, जो कि एक उल्लेखनीय प्रयोग था और इससे भारत सरकार को बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि सहायक सचिवों से यह उम्मीद की जाती है कि वे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों के विभिन्न प्रमुख कार्यक्रमों में सुधार लाने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। यह न केवल उन्हें अपनी क्षमता और कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि उन्हें देश के प्रधानमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति देने का अवसर भी देता है, यह एक ऐसा अवसर है जो शायद उनके वरिष्ठ बैचों को प्राप्त नहीं हुआ होगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि 175 अधिकारियों के इस बैच में से इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले अधिकारियों की संख्या 108 हैं जबकि चिकित्सा, प्रबंधन, कानून और कला पृष्ठभूमि वाले कई अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बहुत ही प्रशंसनीय होगा अगर वे अपनी शैक्षिक पृष्ठभूमि का उपयोग इन बातों के लिए करते हैं कि मंत्रालय/विभाग किस प्रकार से नवाचार कर सकते हैं, किस प्रकार से नए विचारों का उपयोग किया जा सकता है और किस तरह से बिचौलियों और लीकेज का पूर्ण रूप से उन्मूलन करते हुए प्रत्यक्ष रूप से नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाले आउटपुट प्रदान किए जा सकते हैं। मंत्री ने यह भी आशा व्यक्त की कि टेक्नोक्रेट्स स्वास्थ्य, कृषि, स्वच्छता, शिक्षा, कौशल और गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के साथ न्याय करने में सक्षम होंगे, जो कि प्रौद्योगिकी पर आधारित और इसके द्वारा संचालित हैं।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से प्रशासन और शासन से नागरिकों की अपेक्षाएं व आकांक्षाएं बढ़ती जा रही हैं, सूचना प्रौद्योगिकी, इंटरनेट, मोबाइल प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग आदि लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और ये लोगों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने में प्रशासन की मदद भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का प्रभावी रूप से उपयोग करते हुए नागरिक सेवाओं में अपेक्षित सुधार लाया जा सकता है और उनसे संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवा नौकरशाहों से जमीन से जुड़े रहने का आह्वान किया और कहा कि सरकार के पास आने वाले आम नागरिकों के प्रति उनका व्यवहार सरकारी सेवाओं को लेकर नागरिकों की संतुष्टि में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक बनने जा रहा है। मंत्री ने कहा कि जब आपका व्यवहार सहायक और सहानुभूति से भरा हुआ होता है, तो सिविल सेवकों के साथ काम करने वाले लोगों का व्यवहार बदलना भी तय है और इसलिए उन्हें इस व्यवहार को बदलने वाले अभियान में रोल मॉडल बनने का प्रयास करना चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवा अधिकारियों को यह भी सलाह दी कि वे जनप्रतिनिधियों के साथ बहुत ही सम्मानजनक व्यवहार करें और पॉलिसी फ्रेमवर्क के आलोक में उनके सुझावों को धैर्यपूर्वक सुनें तथा उनकी त्वरित जांच करें। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी संभव या अपेक्षित हो, हमें नागरिकों के हितों को पूरा करने के लिए उच्च अधिकारियों से अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है। मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि चाहे वे विधायक हों या सांसद या वार्ड पार्षद या पंचायत समितियों के सदस्य हों, जनता द्वारा चुने जाते हैं और वे अधिकारियों को इस संदर्भ में बहुत सारी जानकारियां प्रदान कर सकते हैं कि नागरिकों की आवश्यकता क्या है और सरकार द्वारा नागरिकों को प्रभावी डोरस्टेप सेवाएं किस प्रकार से प्रदान की जा सकती है। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जिलों या तहसीलों या किसी भी विभाग के प्रभारी के रूप में युवा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी नागरिक उनके कार्यालय से खाली हाथ न जाए, जिन्हें उनकी मध्यस्थता या समर्थन की आवश्यकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अन्य वर्षों की तरह, सहायक सचिव के रूप में तैनात 2020 बैच के अधिकारियों को भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में योगदान देने का अवसर प्राप्त हो रहा है और उन्हें विभिन्न मंत्रालयों में तैनात किया जा रहा है व उन्हें प्रमुख कार्यक्रम से संबंधित कार्य आवंटित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इन कार्यक्रमों का वितरण करने में गुणात्मक और मात्रात्मक सुधार लाने के लिए सुझाव व विचार देने की आवश्यकता होगी। मंत्री ने कहा कि इस अवधि में, आपका विशेष ध्यान उन राज्यों और जिलों पर होना चाहिए, जहां इन कार्यक्रमों का कार्यान्वयन धीमी गति से हो रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सहायक सचिवों के 2013, 2014, 2015, 2016 और 2017 बैचों द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों, विचारों और सुझावों का अवलोकन करें तथा यह सुनिश्चित करें कि उनके विचारों व सुझावों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिकारियों को अपने करियर की शुरुआत में ही सबसे वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारियों के साथ नीति निर्माण के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करने का एक शानदार अवसर प्राप्त हो रहा है, जो सभी अधिकारियों के लिए बहुत ही उपयोगी, प्रासंगिक और ज्ञानवर्धक साबित होने वाला है। मंत्री ने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि इससे यह समझने में भी मदद मिलेगी कि उच्चतम स्तर पर नीतिगत समीक्षा और विश्लेषण किस प्रकार से किए जाते हैं और फील्ड पोस्टिंग में शामिल होने से पहले निर्णय किस प्रकार से लिए जाते हैं।

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