केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने न्हावा शेवा का दौरा किया; भारतीय सीमा शुल्क विभाग की गतिविधियों की समीक्षा की
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जेएनपीटी के केंद्रीकृत पार्किंग प्लाजा में ही सीमा शुल्क जांच की सुविधा की स्थापना के लिए भूमि पूजन किया
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने सीमा शुल्क विभाग से ‘दैनिक आकलन के लंबित मामले को शून्य रखने’ और कार्गो की तेज निकासी का लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह किया
प्रौद्योगिकी समर्थित सुधारों का उद्देश्य व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना और अनुपालन संबंधी बोझ को कम करना है
केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज मुंबई तट पर महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के न्हावा शेवा में सीमा शुल्क विभाग की गतिविधियों की एक दिवसीय समीक्षा की।
वित्त मंत्री के समक्ष सूचना प्रौद्योगिकी की सुविधा का लाभ उठाते हुए सीमा शुल्क क्लियरेंस की प्रक्रिया और सीमा शुल्क विभाग द्वारा हाल में की गई विभिन्न पहलों के बारे में एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। हाल के दिनों में, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने आयात से संबंधित सीमा शुल्क दस्तावेजों की ऑनलाइन अनिवार्य अग्रिम फाइलिंग, ई-संचित पर सहायक दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत करने, सीमा शुल्क के ऑनलाइन भुगतान,सीमा शुल्क के दस्तावेजोंका डिजिटलीकरण और आयात से संबंधित स्वचालित क्लियरेंस के साथ– साथ माल के ऑनलाइन पंजीकरण जैसे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकीय उपाय किए हैं।
इन सुधारों के पूरक के तौर पर, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी)लॉजिस्टिक्स श्रृंखला में सुधार के लिए सक्रिय रूप से उपाय कर रहा है। इन उपायों में एक्स-रे स्कैनर को ठोस तरीके से लागू करना और कंटेनरों पर नजर रखने और उनका पता लगाने के लिए आरएफआईडी टैग का उपयोग करना शामिल है। सीबीआईसी द्वारा किए गए इन सुधारों/पहलों ने व्यापार करने में आसानी के लिए उपयुक्त माहौल बनाने, अनुपालन संबंधी बोझ को कम करने और कार्गो की निकासी में लगने वाले समय को समग्र रूप से कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
वित्त मंत्री ने व्यापार से जुड़ी सुविधा के मामले में सीमा शुल्क विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा करने के बाद‘दैनिक आकलन के लंबित मामले को शून्य रखने’और कार्गो की तेज निकासी के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से दायित्वों के ठोस कार्यान्वयन और समन्वय करने का आग्रह किया। उन्होंने आरओडीटीईपी (निर्यात उत्पादों पर शुल्क एवं करों में छूट) और आरओएससीटीएल (राज्य और केंद्रीय करों एवं शुल्कों में छूट) जैसी निर्यात प्रोत्साहन से जुड़ी योजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन और समय पर देय रिफंड/वापसी के निपटारे पर जोर दिया।
श्रीमती सीतारमण ने अधिकारियों से खतरनाक वस्तुओं के निपटान में तेजी लाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि यदि कोई अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया हो, तो उसका प्रयोग इस तरह से किया जाए ताकि आयात के तीन महीने के भीतर निपटान का लक्ष्य प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों को नष्ट करने के बारे में पर्याप्त प्रचार किया जाना चाहिए।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने न्हावा शेवा के पोत, कार्गो एवं लैंड-साइड स्टैकिंग और परिवहन संचालन से जुड़े बुनियादी ढांचे का विस्तृत सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने राजस्व, सुरक्षा और सुविधाओं के मामले में सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा निभाई गई भूमिकाओं का भी उल्लेख किया।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने फैक्ट्री ई-सील्ड कंटेनरों,जोकि न्हावाशेवा में लगभग 50 प्रतिशत निर्यात टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स) से संबंधित जरूरतों को पूरा करते हैं, के लिए बंदरगाह के करीब सिंगल यूनिफाइड ऑन-व्हील एक्सपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन सेंटर (सेंट्रलाइज्ड पार्किंग प्लाजा) जैसी पहलों का विशेष रूप से उल्लेख किया। एक साल पहले शुरू किए गए सेंट्रलाइज्ड पार्किंग प्लाजा ने आवाजाही, दस्तावेजों की प्रोसेसिंग और कई अन्य सेवाओं को एकीकृत किया है, जिन्हें पहले बंदरगाह से दूर विभिन्न स्थानों से संभाला जाता था।
श्रीमती सीतारमण ने व्यापार से जुड़ी सुविधा को और अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य सेजेएनपीटी के केंद्रीकृत पार्किंग प्लाजा में ही ऑन-व्हील फैक्ट्री सील्ड निर्यात कंटेनरों के लिए सीमा शुल्क जांच से जुड़ी एक सुविधा की स्थापना की प्रक्रिया की शुरूआत की। यह सुविधा उन कंटेनरों को स्थानांतरित करने की जरूरत को समाप्त कर देगी, जिन्हेंएक अलग स्थान पर भेजे जाने के उद्देश्य से जोखिम के आधार पर जांच के लिए चुना जाता है। इससे निर्यातकों को लगने वाली लागत और समय दोनों की बचत होगी। इस सुविधा की स्थापना के लिए आज वित्त मंत्री द्वारा भूमि पूजन किया गया।
केन्द्रीय वित्त मंत्री को डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी (डीपीडी) लॉजिस्टिक्स कार्यक्रम के बारे में भी बताया गया, जोकि न्हावा शेवा में आयात टीईयू के 60 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है। यह लॉजिस्टिक्स कार्यक्रम पंजीकृत आयातकों के लिए बंदरगाह पर ही सीमा शुल्क विभाग द्वारा क्लियर किए गए कार्गो की डिलीवरी लेने का विकल्प देता है और इस तरह परिवहन एवं अन्य लागतों में बचत करता है।
वित्त मंत्री को बताया गया कि कई अधिकारियों को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) से लाइसेंस प्राप्त ऑपरेटरों के रूप में प्रशिक्षित किया गया है और इस साल की शुरुआत में बंदरगाह के भीतर तीन नए मोबाइल कंटेनर स्कैनर का इस्तेमाल शुरू किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब कंटेनरों को ट्रेलरों पर रखकर बहुत दूर ले जाने की जरूरत नहीं है। स्कैन रिपोर्ट की ई-लिंकिंग ने एककागज-आधारित रिपोर्ट की भौतिक प्रस्तुति के साथ वितरण को संभव बनाया है।
श्रीमती सीतारमण ने सीमा शुल्क विभाग को अपने सुविधा केंद्र को 24×7 शिफ्ट प्रणाली के तहत लाने के लिए सराहना की ताकि जोखिम प्रबंधन प्रणाली की सुविधा वाले आयात किए गए कार्गो को अवकाश के दौरान भी आउट ऑफ चार्ज प्रोसेसिंग के लिए इंतजार न करना पड़े। उन्होंने इस व्यवस्था को अन्य स्थानों पर भी शुरू करने के लिए कहा।
वित्त मंत्री ने अधिकारियों का करदाताओं और नागरिकों, विशेषकर युवाओं से लगातार मिलते रहने का आह्वान किया ताकि सरकार से होने वाली उनकी अपेक्षाओं को समझा जा सके। उन्होंने इस बात की इच्छा प्रकट की कि अधिकारी प्रभावी तरीके से करदाताओं की शिकायतों के निवारण में सक्रिय हों और सीमा शुल्क से जुड़ी प्रक्रियाओं में होने वाले बदलाव के बारे में लगातार जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र स्थापित करें। उन्होंने अधिकारियों से सीमा शुल्क के कामकाज की प्रक्रियाओं को और अधिक सरल एवं आसान बनाने तथा इसकी दक्षता को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में भी सुझाव देने का आग्रह किया।
श्रीमती सीतारमण ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी)द्वारा 25 जनवरी, 2022 को अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस के अवसर पर आयातकों, निर्यातकों और कस्टम ब्रोकर्स आदि जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ जुड़ने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि इस जनसंपर्क कार्यक्रम का दोहरा उद्देश्य होना चाहिए।पहला,व्यापार करने में आसानी के लिए सीमा शुल्क विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न महत्वपूर्ण सुधारों के बारे में हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करना।और दूसरा,हितधारकों के समुदाय से उनकी अपेक्षाओं और समस्याओं के संबंध में प्रतिक्रिया प्राप्त करना ताकि उन पर ध्यान दिया जा सके और उनका त्वरित समाधान खोजा जा सके।
न्हावा शेवा, जहां भारत का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह जेएनपीटी स्थित है, देश के कुल सीमा शुल्क राजस्व में लगभग 20 प्रतिशत हिस्से का योगदान देता है। यहां लगभग 85 प्रतिशत वैसे कार्गो को संभाला जाता है जो कंटेनरीकृत होते हैं। यह बंदरगाह प्रति वर्ष 7 मिलियन से अधिक टीईयू (बीस फुट समतुल्य इकाई कंटेनर) को संभालने में सक्षम है।
न्हावा शेवा के इस एक दिवसीय दौरे पर वित्त मंत्री के साथ राजस्व सचिव श्री तरुण बजाज और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष श्री एम. अजीत कुमार थे। इस अवसर पर न्हावा शेवा में सीमा शुल्क विभाग के मुख्य आयुक्त श्री एम. के. सिंह और जेएनपीटी के अध्यक्षश्री संजय सेठी भी उपस्थित थे।
अतिरिक्त तस्वीरें
न्हावा शेवा में वित्त मंत्री का पारंपरिक स्वागत
जेएनपीटी लैंडिंग जेट्टी पर वित्त मंत्री को सीआईएसएफ द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर
न्हावा शेवा में सीमा शुल्क विभाग द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर
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