न्यूज़ डेस्क : पिछले सप्ताह की बेरोजगारी दर (8.05 फीसदी) की तुलना में इस सप्ताह बेरोजगारी में कुछ गिरावट आई है। शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे कामकाज आगे बढ़ना और ग्रामीण क्षेत्रों में मानसून आ जाने के बाद खेती के कामकाज में बढ़ोतरी को इसका कारण माना जा रहा है…
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की वर्तमान 17वीं लोकसभा के कम से कम 475 सांसद करोड़पति हैं। इसमें शिवसेना के सभी सांसद तो कांग्रेस के 96 फीसदी और सत्तारूढ़ दल भाजपा के 88 फीसदी सांसद करोड़पति हैं। संसद करोड़पतियों से भरी हुई है, लेकिन इसी समय देश की आम जनता बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही है। रविवार को बीते सप्ताह में देश में बेरोजगारी की दर 7.4 फीसदी हो गई है। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी तो ग्रामीण क्षेत्रों में सात फीसदी पर पहुंच गई है।
पिछले सप्ताह की बेरोजगारी दर (8.05 फीसदी) की तुलना में इस सप्ताह बेरोजगारी में कुछ गिरावट आई है। शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे कामकाज आगे बढ़ना और ग्रामीण क्षेत्रों में मानसून आ जाने के बाद खेती के कामकाज में बढ़ोतरी को इसका कारण माना जा रहा है।
सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर पुडुचेरी में है जहां के 47.1 फीसदी लोग बेरोजगार हैं। इसके बाद हरियाणा के 27.9 फीसदी, राजस्थान के 26.2 फीसदी, पश्चिम बंगाल के 22.1 फीसदी, गोवा के 17.7 फीसदी, हिमाचल प्रदेश के 16.3 फीसदी और केरल के 15.8 फीसदी लोग बेरोजगार हैं। इसके अलावा झारखंड में 12.8 फीसदी, दिल्ली में 8.8 फीसदी, बिहार में 10.5 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 4.3 फीसदी लोग बेरोजगार हैं।
कैट से जुड़े व्यापारी नेता सुमित अग्रवाल ने अमर उजाला से कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच व्यापारी समुदाय अभी आशंकित है। वह नए माल की खरीदी से बच रहा है क्योंकि उसे अपना पैसा फंस जाने की आशंका है। इससे बाजार में न तो मांग पैदा हो पा रही है, और न ही रोजगार सृजन तेज हो पा रहा है। लोगों के हाथ में पैसा नहीं है जिससे दैनिक उपयोग की चीजों की मांग में भी बढ़ोतरी नहीं हो रही है। यही कारण है कि बेरोजगारी दर उच्च स्तर पर बनी हुई है।
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