न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस का संक्रमण देश और दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। हर दिन इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। शहर से लेकर गांवों तक हर दिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लोगों में एक भय का माहौल भी बना है। इन दिनों अगर हमें किसी भी तरह का जुकाम या खांसी हो रही है तो हम उसे फौरन कोरोना मानकर भयभीत होने लगते हैं। लेकिन इस स्थिति में डरने की बजाय यह फर्क समझने की जरूरत है कि यह फ्लू, एलर्जी है या फिर वाकई में कोरोना का संक्रमण हुआ है। यह बहुत मुश्किल भी नहीं है, बस आपको अपने लक्षणों पर गौर करना है। आइए, जानते हैं कि सामान्य फ्लू, एलर्जी और कोरोना में किस तरह आप अंतर कर सकते हैं:
- अधिकांश एलर्जी और इंफ्लूएंजा मौसमी होते हैं। बसंत के मौसम में नाक बहने की शिकायत रहती है तो यह संभवतः एलर्जी ही है।
- सर्दी के मौसम में आपको खांसी-जुखाम रहा है तो ये फ्लू के लक्षण हो सकते हैं।
- लेकिन अगर मौसम थोड़ा गर्म है और आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं तो इसे सिर्फ फ्लू कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह कोरोना भी हो सकता है।
- इंफ्लूएंजा अकसर गर्मी में मर जाता है हालांकि वैज्ञानिक कोरोना वायरस के अधिक तापमान में खत्म होने के साक्ष्य जुटा रहे हैं।
- देखा जाए तो कोरोना ने अधिक तापमान और नमी वाले सिंगापुर जैसे भूमध्यरेखीय देशों में भी लोगों को संक्रमित किया है।
- डॉक्टरों का कहना है कि आप लक्षणों के बिगड़ने पर ध्यान रखें। एलर्जी से होने वाली तकलीफ इलाज न लेने तक वैसी ही बनी रहती है।
- फ्लू के लक्षण सप्ताहभर में ठीक हो जाते हैं। वहीं, कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू के मुकाबले गंभीर हो जाते हैं और इससे मरने वालों का आंकड़ा भी काफी ज्यादा है।
- चीन में 56 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों में सूखी खांसी, सांस में दिक्कत, गले में खराश और बुखार जैसे लक्षण सामने आए थे।
- करीब 5 फीसदी मरीजों को जी-मिचलाने और उल्टी के लक्षण भी उभरे थे। 04 फीसदी मरीजों को डायरिया हुआ था।
- गंभीर संक्रमण के दौरान फेफड़ों में घाव और निमोनिया जैसे लक्षण उभरते हैं। लेकिन कोरोना के अधिकांश मरीजों में सामान्य फ्लू जैसे लक्षण ही पाए गए।
- फ्लू और कोरोना के बीच फर्क को पकड़ने में एक बड़ा पहलू आपका संक्रमित इलाके में यात्रा इतिहास और मरीजों के संपर्क में आना हो सकता है।
कोरोना संक्रमण से करीब दो सप्ताह में आप ठीक हो सकते हैं। गंभीर मरीज 3 से 6 हफ्ते में ठीक हो सकते हैं।
Comments are closed.