न्यूज़ डेस्क : हाल ही में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह मोरेटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और व्यक्तिगत उधारकर्ताओं के लिए मोरेटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान ब्याज पर ब्याज को माफ करने के लिए तैयार है। ये राहत दो करोड़ रुपये तक के लोन पर मिल सकती है। लेकिन अगर आपने सालों पहले होम लोन लिया था, तो आपको ज्यादा बचत नहीं होगी। वहीं अगर आपके क्रेडिट कार्ड का बिल बकाया है, तो आपको पर्याप्त लाभ मिल सकता है क्योंकि ब्याज दर 19.5 फीसदी से 42.4 फीसदी सालाना है।
मालूम हो कि एक सरकारी बैंक के अधिकारी ने कहा था कि सरकार मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज माफ करने के लिए तैयार हुई है, लेकिन इस अवधि के सामान्य ब्याज का भुगतान अब भी करना होगा।
उदाहरण से समझिए : मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने साल 2015 में 20 सालों की अवधि के लिए दो करोड़ रुपये का होम लोन लिया है। अब 2020 में जब मोरेटोरियम की सुविधा का एलान हुआ, तब बकाया 1.75 करोड़ रहा। छह महीने के अवधि में सामान्य ब्याज दर आठ फीसदी के हिसाब से ब्याज सात लाख हुआ। यह सिर्फ मोरेटोरियम अवधि की ब्याज की राशि है, जो कर्जधारक को देनी होगी। अगर इस राशि का भुगतान सितंबर में मूल राशि के साथ नहीं किया गया, तो लोन की अवधि 20 साल और 17 दिनों तक बढ़ जाएगी।
जबकि अगर ब्याज पर ब्याज की छूट नहीं दी जाति, तो कर्जधारक को इस सात लाख के ब्याज पर भी आठ फीसदी के हिसाब से ब्याज देना होता। चक्रवृद्धि ब्याज के आधार पर यह राशि 11,774 रुपये तक बढ़ जाती है। प्रभावी रूप से आपका लाभ हो जाएगा क्योंकि इसे माफ कर दिया गया है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आपके पास 11,774 रुपये की नकदी आएगी, बल्कि यह कम ऋण की राशि है।
क्रेडिट कार्ड धारकों को इतना होगा फायदा
वहीं, क्रेडिट कार्ड धारकों की बात करें, तो एक लाख रुपये की बकाया राशि का मतलब होगा कि अगर ब्याज पर ब्याज लगता है, तो उधारकर्ता को 2.99 फीसदी के हिसाब से 19,336 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं छूट के साथ यह कीमत 17,940 रुपये होगी, यानी छह महीने की अवधि के दौरान लाभ 1,396 रुपये होगा।
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