यूआईडीएआई ने निवासियों को केंद्र में रखते हुए ‘जीवन यापन में आसानी’ को सुविधाजनक बनाने समेत पांच प्रमुख क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया
नई दिल्ली , 21जनवरी।वयस्क आबादी के बीच आधार जारी करने का काम लगभग पूरा हो गया है, ऐसे में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने निवासियों को उनके दैनिक जीवन में निरंतर सहायता प्रदान करने, डेटा सुरक्षा को और बढ़ाने तथा सुशासन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया और इन पर काम करने का निर्णय लिया।
पांच प्रमुख क्षेत्र हैं – निवासियों को केंद्र में रखना, आधार के उपयोग का विस्तार, सुरक्षा और निजता, निरंतर प्रौद्योगिकी उन्नयन और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग करना एवं एसडीजी 16.9 (सभी को कानूनी पहचान प्रदान करना) हासिल करने की उनकी आकांक्षा में उन्हें समर्थन देना।
केवडिया (गुजरात) में एक दिवसीय विचार-मंथन सत्र में इन पांच प्रमुख क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया। यूआईडीएआई के सीईओ डॉ. सौरभ गर्ग ने कहा कि इस बात पर हमेशा ध्यान दिया जाता रहेगा कि जीवन यापन को आसान बनाने और सेवाओं का लाभ उठाने में उनके अनुभव को बेहतर बनाने में निवासियों का समर्थन कैसे किया जाए।
प्राधिकरण जीवन यापन में आसानी और कारोबार में आसानी; दोनों के लिए आधार के उपयोग को बढ़ाने के तरीकों की लगातार तलाश कर रहा है और इन्हें अपना रहा है। इसका सैंडबॉक्स स्टार्टअप्स, पेशेवरों और कंपनियों को आधार के उपयोग को बढ़ाने के लिए नवाचार अनुप्रयोगों का पता लगाने और उनका परीक्षण करने की अनुमति देगा। निवासियों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए; ई-केवाईसी अपनाने से लेकर ऑफ़लाइन सत्यापन को लोकप्रिय बनाने तक, यूआईडीएआई विभिन्न तरीकों के जरिये आधार के उपयोग का विस्तार करने का प्रयास करेगा।
आधार सुशासन, सशक्तिकरण और सेवा अदायगी के लिए एक उपकरण के रूप में उभरा है। 2010 में पहली आधार संख्या सृजित होने के बाद से, यूआईडीएआई ने 1.35 बिलियन से अधिक आधार जारी किए हैं और अब तक 88 बिलियन से अधिक सत्यापन किए हैं। यह दर्शाता है कि आधार निवासियों के जीवन को कैसे प्रभावित कर रहा है। यूआईडीएआई ने 2010 के बाद से निवासियों के अनुरोध के बाद 710 मिलियन से अधिक आधार अद्यतन कार्य भी पूरे किए हैं।
यूआईडीएआई; डेटा सुरक्षा और निजता, निर्बाध सेवा अदायगी और नए युग के साइबर सुरक्षा जोखिमों के सक्रियता से समाधान के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन में अग्रणी रहेगा।
यूआईडीएआई ने उन निवासियों से अपने दस्तावेज़ों को अपडेट कराने का भी आग्रह किया है, जिन्होंने 10 साल पहले अपना आधार प्राप्त किया है और उसके बाद इन वर्षों में कभी भी इसे अपडेट नहीं किया है। निवासी, सहायक दस्तावेज, (पहचान का प्रमाण और पते का प्रमाण) या तो myAadhaar पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमा करके या निकटतम आधार केंद्र पर जाकर अपने आधार को अपडेट कर सकते हैं।
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