नई दिल्ली। उच्च शिक्षा ग्रहण करने विदेश जाने वाले विद्यार्थियों से अमेरिका को खासा मुनाफा मिल रहा है। अमेरिका भारतीय छात्रों से सालाना 80 हजार करोड़ रुपये सालाना कमाई कर रहा है। आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत सभी केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों को जितना पैसा केंद्र ने अपने बजट में दिए हैं, उससे दोगुना पैसा हर साल भारतीय छात्र अकेले अमेरिका में पढ़ाई पर खर्च कर देते हैं। इस साल देश का उच्च शिक्षा बजट पैंतीस हजार करोड़ का है। अमेरिकी सरकार द्वारा जारी हुई ओपेन डोर्स रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 196271 भारतीय छात्र अमेरिका में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इसमें से 66 फीसदी यानी दो तिहाई निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं और न्यूयॉर्क कैलिफोर्निया और मैसाचुएट्स जैसी जगहों पर रह रहे हैं।
अमेरिका में विदेशी छात्रों से अधिक फीस ली जाती है। विश्व के उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग जारी करने वाली एक संस्था के मुताबिक, अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में ट्यूशन फीस साढ़े तीन लाख रुपयों से लेकर 35 लाख तक होती है। औसत फीस करीब 23.5 लाख रुपये है। वहीं, रहने पर आने वाला सालाना औसत खर्च 7.61 लाख रुपये बैठता है। अनुमान के मुताबिक, किसी भी विदेशी छात्र के लिए आने वाला खर्च 59.78 हजार अमेरिकी डॉलर है। रुपये में देखें तो यह करीब 42 लाख रुपये सालाना के बराबर है। 196271 छात्रों की बात करें तो यह भारत के कुल शिक्षा बजट (85010 करोड़) के करीब है। जानकारों के मुताबिक, 90 फीसदी से अधिक भारतीय कंप्यूटर साइंस, गणित, मैनेजमेंट, साइंस और मेडिकल जैसे विषयों की पढ़ाई करते हैं, उनकी फीस औसत से अधिक ही रहती है। यदि हम छात्रवृत्ति पर अमेरिका गए कुछ हजार छात्रों को इसमें से हटा दें तो भी इस साल अमेरिका में पढ़ाई के लिए भारतीयों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि 80 हजार करोड़ से अधिक ही होगी।
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