न्यूज़ डेस्क : बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी.के. जैन ने रविवार को कहा कि वह भारतीय कप्तान विराट कोहली के खिलाफ मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता द्वारा दायर हितों के टकराव की शिकायत की जांच कर रहे है। आरोप लगाया है कि कोहली एक साथ दो पदों पर काबिज हैं। वह भारतीय टीम के कप्तान और एक ऐसे प्रतिभा प्रबंधन कंपनी के सह-निदेशक हैं जो टीम के कई खिलाड़ियों के प्रबंधन का काम देखती है। गुप्ता ने आरोप लगाया है कि यह बीसीसीआई के संविधान का उल्लंघन है जो एक व्यक्ति को कई पदों पर रहने से रोकता है।
दोहरे लाभ के पद पर कोहली!
दावा किया गया है कि कोहली कॉर्नरस्टोन वेंचर पार्टनर्स एलएलपी और विराट कोहली स्पोर्ट्स एलएलपी में निदेशक है। इस कंपनी में अमित अरूण सजदेह (बंटी सजदेह) और बिनॉय भरत खिमजी भी सह-निदेशक है। ये दोनों कॉर्नरस्टोनस्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड का हिस्सा है। कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में कोहली की भूमिका नहीं है। यह कंपनी भारतीय कप्तान के अलावा के एल राहुल, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा, उमेश यादव और कुलदीप यादव सहित कई अन्य खिलाड़ियों के व्यावसायिक हितों का प्रबंधन करती है। उपरोक्त के मद्देनजर, विराट कोहली का एक समय में पद संभालना भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित बीसीसीआई नियम 38 (4) का उल्लंघन है, उन्हें इसका अनुपालन करते हुए अपने एक पद को त्यागना होगा।
BCCI के अधिकारी ने कहा यह ब्लैकमेलर्स की हरकत
कप्तान कोहली की शिकायत भारतीय क्रिकेट बोर्ड को रास नहीं आया। बोर्ड के एक अधिकारी ने पूरे घटनाक्रम को साजिश का हिस्सा करार दे डाला तो विराट कोहली के करीबी सूत्रों ने इसे दुखद बताया। अधिकारी ने कहा, ‘एक बार आप जब शिकायतों को देखेंगे तो पता चल जाएगा कि बीते कुछ साल से आ रहे सभी मामलों का एक ही पैटर्न एक है। किसी न किसी अधिकारी या पूर्व-वर्तमान खिलाड़ी को घेरने की कोशिश की जा रही है। ई-मेल और उसकी भाषा से ही समझ आता है कि यह सिर्फ लोगों पर दाग लगाने के लिए किया जा रहा।
हर कोई पैसा कमाना चाहता है
भारतीय टीम के कप्तान के करीबी सूत्रों ने कहा कि हमारे क्रिकेटर्स की भी निजी जिंदगी है। हर कोई पैसा कमाना चाहता है और इसके लिए स्वतंत्र है। इस तरह की शिकायतों से खिलाड़ियों के दिमाग पर निश्चित तौर पर असर पड़ेगा, जो उनके खेल के लिए ठीक नहीं, जिन्होंने देश के लिए काफी कुछ किया है आप क्या उन्हें ब्लैकमेल करना चाहते हैं या फिर ऐसी हरकतों का मकसद सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है।
कौन हैं शिकायतकर्ता संजीव गुप्ता
मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता को बचपन से क्रिकेट में दिलचस्पी थी। ऑफ स्पिन गेंदबाजी किया करते थे, एक बार यूनिवर्सिटी की टीम से भी खेलना का मौका मिला, लेकिन ज्यादा आगे तक नहीं जा पाए। बीसीसीआई के संविधानों की गहरी जानकारी रखने वाले गुप्ता मीडिया की चकाचौंध से दूर रहते हैं। अबतक वह सीओए को करीब लगभग 500 ईमेल भेज चुके हैं। मीडिया से बात करने में संकोच करने वाले 46 वर्षीय संजीव गुप्ता कानून के अच्छे जानकार हैं। क्रिकेटर्स की हर शिकायत वह तथ्यों और नियमों के आधार पर ही करते हैं। संजय सबसे पहले उस वक्त चर्चा में आए जब, जब बीसीसीआई के लोकपाल अधिकारी जस्टिस डीके जैन ने उनकी शिकायत के आधार पर सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के खिलाफ सुनवाई की।
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