न्यूज़ डेस्क : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वहां के डॉक्टरों के बीच शुरू हुई जंग अब एक बड़े मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। पूरे देश के डॉक्टरों के शीर्ष संगठन आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने कल सोमवार सुबह छह बजे से चौबीस घंटे की हड़ताल का आह्वान करते हुए केंद्र सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून लाने की मांग की है।
एसोसिएशन का कहना है कि अगर सरकार उनकी सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून नहीं लाती है तो वे आगे बड़े कदम उठा सकते हैं। सोमवार से चौबीस घंटों की हड़ताल में इमर्जेंसी सेवाओं के अलावा हर तरह की स्वास्थ्य सेवा बंद रखने का फैसला किया गया है। इसमें पैथोलॉजी से लेकर स्वास्थ्य से जुड़ी हर सेवा शामिल है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने भी आईएमए के बंद का समर्थन किया है। डॉक्टर पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में कल धरना भी देंगे।
आईएमए के प्रेसीडेंट (इलेक्ट) राजन शर्मा ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश के 19 राज्य पहले ही अपने यहां डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बना चुके हैं, लेकिन केंद्रीय कानून के अभाव में, और आईपीसी-सीआरपीसी में इसके लिए कानून न होने से ये कहीं भी प्रभावी नहीं हैं।
केंद्र सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानूनों में एकरुपता लाने के लिए एक केंद्रीय कानून लाना चाहिए। राजन शर्मा के मुताबिक उनका एक प्रतिनिधि मंडल रविवार शाम भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मिलने जा रहा है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके डॉ. हर्षवर्धन से उन्हें सकारात्मक उम्मीद है।
Comments are closed.