न्यूज़ डेस्क : इटली के महामारी विशेषज्ञ गियान्नी पेस और बेल्जियम के आबादी विशेषज्ञ माइकल पोउलेन ने अमेरिकी पत्रकार डैन ब्यूटेनर के साथ मिल कर इन छह जगहों के बारे में किताब लिखी है l वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर हम 10 फीसदी कैलोरी कम ले लेते हैं, तो इससे उम्र बढ़ने की रफ्तार धीमी हो जाती है l ब्लू जोन वाले इलाकों में लोग शाकाहारी खाने को तरजीह देते हैं. इससे भी उनके मेटाबॉलिज्म यानी खाना पचाने की क्षमता पर सकारात्मक असर पड़ता है l
नए कोरोना वायरस के कारण बहुत से लोग समय से पहले जान गंवा रहे हैं। सिर्फ कोविड-19 ही क्यों, बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं, जो वक्त से पहले लोगों की जिंदगी छीन लेती हैं। ऐसे में जब कोई ‘जीवेत शरद: शतम्’ यानी सौ साल जीने का आशीर्वाद देता है, तो वो आशीर्वाद सच कैसे साबित हो? आखिर क्या करें कि सौ साल या उससे ज्यादा जिएं?
इन सवालों के जवाब हमें दुनिया के उन इलाकों में रहने वालों से मिल सकते हैं, जहां के लोगों की औसत आयु बाकी दुनिया से कहीं अधिक है। जहां के रहने वाले अक्सर सौ साल से ज्यादा जीते हैं।
आखिर, लंबी उम्र का राज क्या है? किन जगहों के लोग सबसे अधिक उम्र तक जीते हैं?
मध्य अमेरिकी देश कोस्टारिका का निकोया, इटली का सार्डीनिया, यूनान का इकारिया, जापान का ओकिनावा और अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य का लोम्बा लिंडा। ये दुनिया के वो छह इलाके हैं जिन्हें वैज्ञानिक ‘ब्लू जोन’ कहते हैं। जहां के रहने वालों की औसत उम्र बाकी दुनिया से कहीं ज्यादा है। इन छह जगहों पर रहने वालों के सौ साल की उम्र तक पहुंचने की संभावना ज्यादा होती है।
इन इलाकों को ब्लू जोन सबसे पहले इटली के महामारी विशेषज्ञ गियान्नी पेस और बेल्जियम के आबादी विशेषज्ञ माइकल पोउलेन ने कहा था। उसके बाद पेस और पोउलेन ने अमेरिकी पत्रकार डैन ब्यूटेनर के साथ मिल कर इन छह जगहों के बारे में किताब भी लिखी।
लंबी उम्र की लॉटरी : डैन ब्यूटेनर ने अपनी किताब के लिए रिसर्च के दौरान पाया कि ब्लू जोन कहे जाने वाले इलाकों में रहने वालों की जिंदगी में कई खूबियां हैं। पहली चीज तो है खानपान। ब्लू जोन इलाकों में रहने वाले लोग कम खाते हैं। जैसे कि, जापान के ओकिनावा में लोग 80 फीसदी पेट भरने के बाद खाना बंद कर देते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर हम 10 फीसदी कैलोरी कम ले लेते हैं, तो इससे उम्र बढ़ने की रफ्तार धीमी हो जाती है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जीन विशेषज्ञ डी. गोविंदराजू कहते हैं कि कम खाना खाने से हमारे डीएनए में नुकसानदेह परिवर्तन नहीं होते। दूसरी बात ये है कि ब्लू जोन वाले इलाकों में लोग शाकाहारी खाने को तरजीह देते हैं। इससे भी उनके मेटाबॉलिज्म यानी खाना पचाने की क्षमता पर सकारात्मक असर पड़ता है।
आध्यात्मिक संबंध : खानपान की आदतों के अलावा, ब्लू जोन में रहने वालों के सामाजिक जीवन की भी अहमियत है। इन सभी क्षेत्रों के लोग ऐसे समुदायों में रहते हैं, जिनके बीच आपसी संबंध बेहद मजबूत हैं और रिसर्च से ये बात साबित हो चुकी है कि मजबूत सामाजिक संबंध हमारा तनाव कम करते हैं। दोस्ती या अन्य सामाजिक रिश्ते हमारी मानसिक और शारीरिक गतिविधियों के लिए अच्छे माने जाते हैं। अच्छे संबंध हमारे स्वास्थ्य को उसी तरह प्रभावित करते हैं, जैसे खान-पान और वर्जिश।
सौ साल से ज्यादा उम्र तक जीने के लिए धार्मिक आस्था भी अहम रोल निभाती है क्योंकि ब्लू जोन के लोग धार्मिक आस्था वाले होते हैं। जैसे कि कैलिफोर्निया के लोमा लिंडा के रहने वाले सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च के अनुयायी हैं। वहीं, कोस्टारिका के निकोया और इटली के सार्डीनिया के रहने वाले कैथोलिक ईसाई हैं, तो ग्रीस के इकारिया द्वीप के रहने वाले ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च में विश्वास रखते हैं।
डैन ब्यूटेनर ने अपनी किताब में लिखा था कि उन्होंने ब्लू जोन में करीब ढाई सौ लोगों से बात की। ये सभी लोग किसी न किसी आध्यात्मिक समुदाय का हिस्सा थे। धार्मिक आस्था हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभा सकती है। अगर आप परेशान हैं, तो आप धर्म की शरण ले सकते हैं। इससे आपकी उम्र पांच वर्ष तक बढ़ सकती है।
तो, हो जाए एक प्याली? : इन मोटी बातों के सिवा दुनिया के छह ब्लू जोन या अधिक औसत आयु वाले इलाकों की अपनी-अपनी खास खूबियां हैं। जैसे कि ग्रीस के इकारिया द्वीप के लोग दिन में कई बार चाय या कॉफी पीते हैं। जानकार कहते हैं कि दिन में इन गर्म पेय पदार्थों के कुछ प्याले दिल की बीमारियों से दूर रखते हैं, क्योंकि इनमें कई छोटे-छोटे पोषक तत्व जैसे कि मैग्नीशियम, पोटैशियम, नियासिन और विटामिन ई पाए जाते हैं।
इन पेय पदार्थों की मदद से टाइप-2 डायबिटीज से भी बचा जा सकता है। इससे आपकी खाना पचाने की क्षमता बेहतर होती है। अगर इसमें कम कैलोरी वाला खाना, फलों और सब्जियों की खुराक को जोड़ दें, तो एक आदर्श खान-पान का चार्ट तैयार दिखता है।
मीठा-तीखा समाधान : जापान के ओकिनावा द्वीप के लोग शकरकंद और कड़वा तरबूज बहुत खाते हैं। शकरकंद में विटामिन ए, सी और ई प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मिलने वाला पोटैशियम ब्लड प्रेशर कम करता है। शकरकंद में फाइबर बहुत होते हैं, जो हमारा पेट साफ रखते हैं। इसी तरह कड़वा तरबूज जो ब्लैक टी जैसा लगता है, जो ओकिनावा के लोगों को डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाता है।
शानदार नजारों वाले इलाके : दुनिया के जिन ब्लू जोन का हमने जिक्र किया, वो बेहद खूबसूरत मंजर वाले हैं। जैसे कि इटली का सार्डीनिया। ये पहाड़ी इलाका बेहद खूबसूरत है। यहां खेती करने वालों को अक्सर पहाड़ियों पर चढ़ना उतरना पड़ता है। इससे उनकी वर्जिश भी हो जाती है। वहीं, ग्रीस के इकारिया में हल्की रेडियोएक्टिविटी के लक्षण मिले हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि ये रेडियोएक्टिव तत्व इस द्वीप के झरनों में मिलते हैं। इकारिया के रहने वाले इन झरनों को अमरता के झरने कहते हैं। इसी तरह कैलिफोर्निया का लोमा लिंडा भी हल्के रेडिएशन के लिए जाना जाता है। हालांकि इसके फायदे अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं।
संयम का सिद्धांत : कुल मिलाकर कहें, तो ब्लू जोन में रहने वालों की लंबी उम्र का राज कोई एक नहीं है बल्कि इसके कई कारण हैं। फलों और सब्जियों से भरपूर मगर कम खाना, नियमित रूप से वर्जिश करना, कॉफी-पीना और अपने मुश्किल दौर में आध्यात्म की शरण लेना, ये वो कारण हैं, जो ब्लू जोन में रहने वालों की उम्र बढ़ाते हैं। आप भी इन नुस्खों को अपनी जिंदगी में अमल में ला सकते हैं।
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