वे लोग जो मेरी बहन की तरह दिव्यांग है वे बड़ी आसानी से टाटा स्काय थिएटर पर नाटक देख सकते हैंः रतन राजपूत

न्यूज़ डेस्क : बहुमुखी टीवी अदाकारा रतन राजपूत जिन्होंने ‘अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो’ से लोकप्रियता हासिल की और जिन्हें ‘निर्मला’, ‘बंूद और समंदर’ जैसे नाटकांे में भी देखा गया। यह अभिनेत्री पिछले साल अपने पिता को खो देने के बाद कुछ समय के लिए इंडस्ट्री से दूर रहीं। हाल ही मेें वे टाटा स्काय के साथ विश्व थिएटर दिवस के जश्न के दौरान दिखाई दीं, जब ज़ी थिएटर ने इनके टेलीविज़न प्ले ‘पंछी ऐसे आते हैं’ का प्रोमोशन भी किया, जिसे जल्द ही टाटा स्काय थिएटर पर प्रदर्शित किया जाएगा।

 

हाल ही में एक कार्यक्रम में उनके साक्षात्कार के दौरान रतन ने नाटक की शूटिंग के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया, उन्होंने बताया कि कैसे नाटकों का सिनेमाई संस्करण दिव्यांगों तक पहुंच रहा है। ‘‘टाटा स्काय और ज़ी थिएटर की यह पहल अपने आप में सराहनीय है, जिसके ज़रिए टेलीविज़न नाटकों को बड़ी संख्या में दर्शकों तक पहुंचाया जा रहा है। वे लोग जो मेरी बहन की तरह दिव्यांग है वे बड़ी आसानी से नाटक देख सकते हैं। वे लोग जो थिएटर जाकर नाटक नहीं देख सकते, उनके लिए यह सेवा वरदान है।

रतन ‘पंछी ऐसे आते हैं’ में सरू की भूमिका अदा कर रही हैं जो एक लड़की के संघर्ष पर आधारित है, जो अपने परिवार के दबाव के चलते भावी जीवनसाथी की तलाश में है और लड़कों को प्रभावित करने की खूब कोशिश कर रही हैं।

 

 

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