ब्रिटेन में वैज्ञानिकों के एक दल ने लंबे अरसे तक शोध करने के बाद ऐसे अंडों का उत्पादन करने में सफ़लता प्राप्त की है जिनमें कैंसर का ख़ात्मा करने वाले प्रोटीन होंगे l
वैज्ञानिकों का कहना है कि इन अंडों से निकलने वाले वाले प्रोटीन से कैंसर के ख़ात्मे के लिए दवाइयां बनाई जा सकती हैं और इस प्रक्रिया के तहत दवाइयां बनाने का ख़र्च प्रयोगशालाओं में बनाई जाने वाली दवाइयों के मुकाबले सौ गुना सस्ता होगा l इसके लिए मुर्गियों में जेनेटिक बदलाव करके वह जीन डाले गये हैं जो कि कैंसर रोधी प्रोटीन पैदा करते हैं. शोधार्थियों की टीम मानती है कि कुछ समय में इन अंडों का व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव होगा l
डॉ. हेरॉन और उनकी टीम ने मुर्गियों के अंडों के सफेद हिस्से को बनाने वाले डीएनए के हिस्से में उस इंसानी जीन को डाला जिससे ये प्रोटीन पैदा होता है l डॉ. हेरॉन की टीम ने जब इन मुर्गियों से हुए अंडों को तोड़कर सफे़द हिस्से की जांच की तो पता चला कि उनमें काफ़ी ज़्यादा मात्रा में कैंसर रोधी प्रोटीन मौजूद थे l
कौन से हैं ये प्रोटीन?
इस टीम ने दो प्रोटीनों पर अपना ध्यान केंद्रित किया जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए ज़रूरी होते हैं l इनमें से पहला प्रोटीन IFNalpha2a है जो कि संक्रमण और कैंसर के खिलाफ़ काफ़ी प्रभावी है l वहीं, दूसरा प्रोटीन acrophage-CSF है जो कि क्षतिग्रस्त उत्तकों (टिश्यू) को अपने आप ठीक करने के विकसित किया जा रहा है l ऐसे में तीन अंडों से एक बार की खुराक पैदा की जा सकती है और मुर्गियां एक साल में तीन सौ अंडे दे सकती हैं l
वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर पर्याप्त संख्या में मुर्गियां पैदा की जा सकें तो इन दवाइयों का व्यापारिक स्तर पर उत्पादन किया जा सकता है l इस प्रक्रिया से दवाइयों के उत्पादन और उनके नियामक संस्थाओं की सहमति मिलने में दस से बीस साल का समय लगेगा.
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