सितंबर तक देश में आ सकते है बच्चों के लिए यह तीन वैक्सीन : AIIMS डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया

न्यूज़ डेस्क : डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत बायोटेक के टीके कोवाक्सिन के दो से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों पर किए गए दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों के सितंबर तक आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि औषधि नियामक की मंजूरी के बाद भारत में उस समय के आस-पास बच्चों के लिए टीके उपलब्ध हो सकते हैं।

 

 

 

डॉ. गुलेरिया ने शनिवार को पीटीआई को बताया कि उससे पहले अगर फाइजर के टीके को मंजूरी मिल गई तो यह भी बच्चों के लिये एक विकल्प हो सकता है।  सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला के भी भारत के औषधि महानियंत्रण के समक्ष अपने कोविड-19 रोधी टीके ‘जायकोव-डी’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिये आवेदन किए जाने की उम्मीद है। कंपनी का दावा है कि इसे वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है। 

 

 

 

वहीं केंद्र के कोविड कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने रविवार को बताया कि बच्चों के लिए जायडस कैडिला वैक्सीन जुलाई के अंत या अगस्त में उपलब्ध होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है और सरकार जुलाई के अंत तक 12-18 आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका देना शुरू कर सकती है।

 

 

 

डॉ. गुलेरिया ने कहा इसलिए, अगर जायडस के टीके को मंजूरी मिलती है तो यह भी एक और विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में यद्यपि कोविड-19 संक्रमण के हल्के लक्षण होते हैं और कुछ में लक्षण भी नहीं होते, वे लेकिन संक्रमण के वाहक हो सकते हैं।

 

 

 

बीते डेढ़ साल में कोविड-19 महामारी के कारण पढ़ाई में हुए व्यापक नुकसान का हवाला देते हुए एम्स प्रमुख ने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलना होगा और टीकाकरण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी से उबरने का रास्ता टीकाकरण ही है।

 

 

 

सरकार ने हाल में चेताया था कि कोविड-19 ने अब तक भले ही बच्चों को बड़े पैमाने पर प्रभावित नहीं किया हो लेकिन अगर वायरस के व्यवहार या महामारी की गति में बदलाव आता है तो यह बढ़ सकता है। उसने कहा कि ऐसी किसी स्थिति से निपटने के लिये तैयारियां की जा रही हैं।

 

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