न्यूज़ डेस्क : आज भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया था और यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। भारत के पास अपना लिखित संविधान है, जिसकी कई चीजें अलग-अलग देशों के संविधान से ली गई हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जिनके पास अपना लिखित संविधान नहीं है। उनका शासन किसी और आधार पर चलता है। तो चलिए बताते हैं इन देशों के बारे में…
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिन अंग्रेजों ने भारत पर करीब 200 सालों तक राज किया, उनके देश इंग्लैंड यानी यूनाइटेड किंगडम के पास संविधान लिखित रूप में ही नहीं है। यहां पर पहले से ही कुछ नियम बने हुए हैं, जिन्हें आधार मानकर शासन किया जाता है। ये नियम संविधान के अधिनियमों के बराबर महत्व रखते हैं। इंग्लैंड के कानून को समय और परिस्थितियों के अनुसार संसद द्वारा बदला जा सकता है।
सऊदी अरब के अजीबोगरीब कानूनों के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि इस देश के पास भी अपना कोई लिखित संविधान नहीं है। जी हां, यहां पर कुरान में लिखी गई बातों को ही सर्वोच्च मानकर फैसले लिए जाते हैं।
साल 1948 में आजाद हुए इजराइल के पास भी अपना लिखित संविधान नहीं है। हालांकि देश के स्वतंत्र होने के बाद यहां संविधान बनाने की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन संसद में आपसी मतभेदों के चलते यह नहीं बनाया जा सका। यहां की संसद में अलिखित संविधान को मान्यता प्राप्त है, जिससे पूरे देश की शासन व्यवस्था चलाई जाती है।
दक्षिण पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित खूबसूरत द्वीपीय देश न्यूजीलैंड में भी लिखित संविधान नहीं है। यहां पर अलिखित संविधान है, जिसके आधार पर ही यहां की न्याय और प्रशासनिक व्यवस्था चलती है। पहले बने कानूनों को आधार मानकर ही यहां शासन चलाया जाता है।
उत्तरी अमेरिकी देश कनाडा के संविधान को लेकर विवाद है। कुछ लोगों का मानना है कि यहां अलिखित संविधान के जरिए शासन होता है वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यहां लिखित संविधान है। ऐसा माना जाता है कि कनाडा में लिखित संविधान तो है, लेकिन यहां की सरकार अलिखित संविधान के नियमों का ही पालन करती है।
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