इंदौर, जनवरी 2020: मां अहिल्या की नगरी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में महिला लेखन को रेखांकित करने के लिए वामा साहित्य मंच द्वारा एक अत्यंत महत्वपूर्ण तथा सार्थक आयोजन 6 और 7 फरवरी को इंदौर के जाल सभागृह में आयोजित किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए साहित्य समागम की चेयर पर्सन पद्मामा राजेंद्र तथा साहित्य सम्मेलन की सचिव श्रीमती ज्योति जैन एवं कोषाध्यक्ष सुरभि भावसार ने बताया कि पूरे देश का एकमात्र यह पहला महिला साहित्य समागम है जिसमें देश की जानी मानी लेखिकाओं के साथ ही विभिन्न प्रदेशों से महिला लेखिकाएं भाग लेंगी। साहित्य समागम के आयोजन का यह दूसरा वर्ष है 2019 में भी जाल सभागृह में ही सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें जानी-मानी लेखिकाओं ने हिस्सा लिया था।
जिनके नाम हैं उषा किरण खान, डॉ अचला नागर, सुधा अरोड़ा कृष्णा अग्निहोत्री, मिथिलेश दीक्षित, लता अग्रवाल, शशि पुरवार, रति सक्सेना, शोभना श्याम, कुमकुम कपूर, मीनाक्षी जोशी, नीलिमा टिक्कू, श्रुति अग्रवाल, सरला शर्मा, सुधा अरोड़ा, नेहा शरद, निर्मला भुराड़िया, रचना निगम, सुरभि बेहरे।
इस वर्ष भी इस आयोजन में देश भर की प्रसिद्ध लेखिकाएँ शामिल हो रही हैं जिनमें मुख्य रूप से मृदुला सिन्हा हैं जो जानी-मानी साहित्यकार हैं और गोवा की पूर्व राज्यपाल भी रह चुकी है। इसके अलावा जयंती रंगनाथन हैं जो हिंदुस्तान दैनिक की संपादक हैं और उपन्यास लेखिका हैं।
उपन्यासकार चंद्रकांता विशिन के साथ ही प्रसिद्ध लेखिका मेहरून्निसा परवेज भी सम्मेलन में आ रही हैं। कई लेखिकाओं की स्वीकृति भी हमें मिल चुकी है उनके नाम इस प्रकार हैं नासिरा शर्मा, उषाकिरण सिंह,मालिनी गौतम, जयश्री रॉय, सुषमा गुप्ता, , शील कौशिक, सीमा जैन, रचना समंदर, निर्मला भुराड़िया, मीनाक्षी स्वामी, अलकनंदा साने, डॉ दिव्या गुप्ता, अमृता राय। इस आयोजन में रूचिवर्धन मिश्र भी रहेंगी जो साहित्य अनुरागी है।
साहित्य समागम में मुख्य रूप से महिला लेखन को लेकर ‘पहचान से आगे सार्थकता आदर्श से यथार्थ तक’ विषय पर गहन चिंतन होगा। इसके साथ ही ‘दो दशकों में तय की गई इस स्त्रीत्व की परिभाषा कविता के परिपेक्ष में’ विषय पर विचार विमर्श किया जाएगा ।
एक अन्य सत्र में ‘संबंधों की नवीन परिभाषा लिखती कहानियां और हमारा सामाजिक आईना’ विषय पर बातचीत होगी ।
एक अन्य महत्वपूर्ण विषय है ‘महिला सुरक्षा कानून’ जिस पर , रूचि वर्धन मिश्र, निर्मला भुराड़िया, रचना समंदर व डॉ.दिव्या गुप्ता विचार रखेंगे।
7 फरवरी को जो सत्र होंगे उनमें ‘जनमानस से जुड़ती विधा लघुकथा भविष्य दृष्टि और पोषण विषय’ पर बातचीत करेंगे तथा इसके बाद ‘सोशल मीडिया मंच और साहित्य से समाज के जुड़ाव की वास्तविकता’ विषय पर चर्चा होगी। देश की प्रसिद्ध उपन्यास लेखिका नासिरा शर्मा समापन सत्र की अतिथि है जो पहचान से आगे सार्थकता वैश्विक स्तर पर विषय पर अपने विचार रखेंगी।
साहित्य समागम में पूरे देश से 200 से अधिक महिला लेखिकाएं शामिल हो रही हैं जिन्हें ओपन माइक एवं अन्य साहित्यक सत्रों के माध्यम से अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा।
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