नेशनल इंस्टीट्यूट आफ कैंसर प्रीवेंशन एंड रिसर्च ने ईको वर्चुअल माॅडल लागू करके कैंसर जांच पर पहला सर्टिफिकेट कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया l

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ कैंसर प्रीवेंशन एंड रिसर्च ने ईको वर्चुअल माॅडल लागू करके कैंसर जांच पर पहला सर्टिफिकेट कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया l

नई दिल्ली, 8 फरवरी, 2018ः
प्रोजेक्ट एनआईसीपीआर ईको भारत में अपनी तरह का एकमात्र प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो मुख, स्तन व सर्विकल कैंसर की जांच को नई दिशा दे रहा है।

भारत में सबसे अधिक पाये जाने वाले तीन कैंसर स्तन, गर्भावस्था ग्रीवा व मुख कैंसरों से भारत के कैंसर पीड़ितों का एक तिहाई हिस्सा ग्रस्त है। ये सभी तीन कैंसर आमतौर पर शुरूआती स्तर पहचाने जा सकते हैं और मुख कैविटी और गर्भाश्य ग्रीवा के मामलों में कैंसर पूर्व चरणों का पता लगाया जा सकता है और अगले चरण की रोकथाम की जा सकती है। इसलिए इन तीन कैंसरों की जांच व शीघ्र पहचान से भारत में कैंसर के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी। इस समस्या पर नियंत्रण के लिए, ईको  इंडिया के साथ भागीदारी में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ कैंसर प्रीवेंशन एंड रिसर्च ने एक वर्चुअल (आभासी) प्रारूप के माध्यम से कैंसर जांच पर अब तक के पहले सर्टिफिकेट प्रोग्राम का आयोजन सफलतापूर्वक किया है।
एनआईसीपीआर-ईको ने अपने कैंसर जांच प्रमाणपत्र कार्यक्रम की शुरूआत स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं और कैंसर जांच की मूल बातों को जानने के इच्छुक लोगों (जैसे जन स्वास्थ्य पेशेवरों आदि) के लिए तथा जांच विधियों व उपचार के साधनों के बारे में जानकारी देने के लिए की थी। कार्यक्रम का लक्ष्य हैल्थकेयर प्रदाताओं के बीच कैंसर जांच के बारे में क्षमता का निर्माण करना है ताकि उन्हें राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम के अंतर्गत कैंसर जांच पर आधारित जन कार्यक्रम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिदेश का हिस्सा बनाया जा सके।

कार्यक्रम में 58 प्रतिभागियों ने भाग लिया जो देश के विभिन्न राज्यों से थे तथा इनमें उत्तर पूर्व व अंतर्राष्ट्रीय (लीबिया व पेरू) स्तर के दो प्रतिभागी भी थे। भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे एम्स – दिल्ली, भोपाल, भुबनेश्वर, एनआईआरआरए, मनीपाल यूनिवर्सिटी, एनसीडीआईआर ; जीकेएनएमएच , जेआईपीएमईआर ;एसआरआईएचयू ; काचार कैंसर हास्पिटल, एनसीडीसी  आदि के प्रतिनिधियों ने इसमें सक्रियता से भाग लिया। 
इन प्रतिभागियों को आभासी माध्यमों से पाठन विधि मामलों की प्रस्तुतियों, प्रक्रिया-विधियों के वीडियो प्रदर्शन व पाठन सामग्री से प्रशिक्षित किया गया जिनमें वैज्ञानिक अनुसंधान प्रकाशन भी शामिल थे।

20 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद, 25 जनवरी, 2018 को पहले बैच का प्रशिक्षण पूरा हुआ, कम से कम 14 सत्रों में शामिल होने वाले तथा कम से कम एक मामला (केस) प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए गए।
प्रोफेसर रवि मेहरोत्रा, निदेशक, एनआईसीपीआर ;छप्ब्च्त्द्ध ने कहा, ”भारत सरकार द्वारा देश की बड़ी आबादी की प्रस्तावित कैंसर जांच को ध्यान में रखते हुए एनआईसीपीआर-ईको ; द्वारा आयोजित वर्चुअल प्रशिक्षण सत्र भारत में हैल्थ केयर प्रदाताओं को प्रशिक्षण देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ईको  ग्रामीण व वंचित क्षेत्रों में देश में क्षमता निर्माण करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।“

 

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